अक्षरा सिंह और सृष्टि पाठक ने श्रद्धा के साथ मनाया छठ पर्व,…
 News & Gossip
                                News & Gossip
                            छठ पर्व ने फिर जगाई प्रकृति और सूर्य उपासना की भावना, घर-घर में गूंजे भक्ति गीत।

28 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली
आज छठ महापर्व का समापन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हुआ। चार दिनों तक चलने वाले इस लोक आस्था के पर्व में देशभर में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। भोजपुरी इंडस्ट्री की मशहूर अभिनेत्रियां अक्षरा सिंह और सृष्टि पाठक ने भी इस पर्व को पूरे उत्साह और आस्था के साथ मनाया। दोनों ने अपने-अपने सोशल मीडिया हैंडल पर छठ पूजा की झलकियां साझा कर फैंस के दिल जीत लिए।
अक्षरा सिंह ने साझा की पारंपरिक छठ पूजा की तस्वीरें
भोजपुरी सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री अक्षरा सिंह ने इस साल भी पूरे पारंपरिक अंदाज में छठ पर्व मनाया। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर छठ पूजा की तैयारियों से लेकर घाट पर सूर्य देव को अर्घ्य देने तक की कई तस्वीरें और वीडियो साझा किए।
तस्वीरों में अक्षरा साड़ी पहने, माथे पर सिंदूर लगाए बेहद पारंपरिक लुक में नजर आ रही हैं। उनके परिवार के सदस्य भी पूजा में शामिल दिखाई दे रहे हैं।
अपनी पोस्ट के साथ अक्षरा ने लिखा – “पहला अर्घ्य सूर्य देव को, नई ऊर्जा और आशा के संग।” फैंस ने भी उनकी इन तस्वीरों पर प्यार और शुभकामनाओं की बौछार कर दी।
सृष्टि पाठक ने भक्ति गीत से बढ़ाई पर्व की महिमा
वहीं भोजपुरी एक्ट्रेस सृष्टि पाठक ने अपने इंस्टाग्राम पर एक खूबसूरत वीडियो साझा किया, जिसमें वह छठ मइया का भक्ति गीत गा रही हैं। उन्होंने अपने कैप्शन में लिखा – “आपकी हर मनोकामना पूर्ण हो, छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं।” साथ ही उन्होंने folded hands इमोजी भी जोड़ी। उनके इस गीत को फैंस ने खूब सराहा और कमेंट सेक्शन में शुभकामनाओं की बाढ़ आ गई।
उगते सूर्य को अर्घ्य देकर सम्पन्न हुआ छठ पर्व
मंगलवार सुबह जब भगवान सूर्य की पहली किरण क्षितिज पर चमकी, तब घाटों पर आस्था और भक्ति का सागर उमड़ पड़ा। महिलाओं ने जल में खड़े होकर सूर्य देव और छठ मइया की पूजा की और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
पारंपरिक गीतों और मंत्रोच्चार से पूरा वातावरण पवित्र हो उठा। महिलाएं सिर पर पूजा की टोकरी लिए साड़ी में सजीं, परिवार की लंबी आयु और कल्याण की प्रार्थना करती नजर आईं।
व्रती महिलाओं ने 36 घंटे के निर्जल व्रत के बाद किया प्रसाद ग्रहण
छठ पूजा के नियमों के अनुसार व्रती महिलाओं ने 36 घंटे का निर्जल व्रत रखा। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद उन्होंने ठेकुआ, फल, गन्ना और दूध से बने पकवानों का प्रसाद ग्रहण किया। घाटों पर परिवार के लोग भी पूजा में शामिल हुए और व्रती महिलाओं की सेवा में तत्पर दिखाई दिए।
छठ पर्व ने दिया आस्था और प्रकृति से जुड़ाव का संदेश
छठ पर्व एक बार फिर यह संदेश देकर गया कि भारतीय संस्कृति की जड़ें प्रकृति और सूर्य की उपासना में निहित हैं। मेरठ से लेकर बिहार और झारखंड तक, हर घाट पर लोगों ने छठ मइया से अपने परिवार और समाज की खुशहाली की कामना की।
यह पर्व केवल भक्ति का नहीं, बल्कि अनुशासन, शुद्धता और सामूहिकता की भावना का प्रतीक बनकर हर वर्ष हमें एकजुट होने का संदेश देता है।
