
FILM REVIEW : Navras Katha Collage
- RATING – 4..5
- Critic’s Rating: 4.5
फिल्म किस बारे में है? फिल्म ‘पोटेल’ की मुख्य कहानी जातिगत उत्पीड़न के एक परिचित ढांचे के इर्द-गिर्द घूमती है, जहां एक लड़की का पिता उसकी शिक्षा के बुनियादी अधिकार के लिए अपनी जान जोखिम में डाल देता है। वह गांव के मुखिया पटेल (अजय) के खिलाफ खड़ा होता है, जो अंधविश्वासों का सहारा लेकर लोगों पर अपना शासन चलाता है और उन्हें दबाता है।

नौ किरदार, एक अभिनेता की अद्भुत प्रस्तुति
प्रधानमंत्री के लिए विशेष आग्रह
इस फिल्म के निर्माता-निर्देशक ने एक साहसी कदम उठाते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फिल्म देखने का अनुरोध किया है, क्योंकि इसमें समाज और महिलाओं पर होने वाले शोषण के मुद्दों को पूरी ईमानदारी से पेश किया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह फिल्म आम बॉक्स ऑफिस मसाला फिल्मों से अलग है।
अभिनय के माध्यम से ट्रिब्यूट
प्रवीण हिंगोनिया ने अपनी इस फिल्म में नौ अलग-अलग किरदार निभाकर संजीव कुमार और कमल हासन को श्रद्धांजलि दी है। संजीव कुमार ने फिल्म ‘नया दिन नई रात’ में नौ किरदार निभाए थे, जबकि कमल हसन ने ‘दशावतारम’ में दस किरदारों को जीवंत किया था। ‘नवरस कथा कोलाज’ चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी सराही गई और इसे तीन पुरस्कार मिले, जिसमें बेस्ट फीचर फिल्म, सपोर्टिंग एक्ट्रेस रेवती पिल्लई और सपोर्टिंग एक्टर स्वर हिंगोनिया के लिए पुरस्कार शामिल हैं। इस फिल्म का निर्माण स्वरध्रुपद प्रोडक्शन के बैनर तले हुआ है और इसे एसकेएच पटेल के साथ सह-निर्माता अभिषेक मिश्रा ने प्रोड्यूस किया है।

शानदार लोकेशंस और संगीत
करीब ढाई घंटे की इस फिल्म की शूटिंग कश्मीर से लेकर मोहब्बत की नगरी आगरा तक की गई है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। फिल्म में पांच गाने हैं और हर गाने के साथ एक खास संदेश जुड़ा हुआ है।
सड़क से थिएटर तक का सफर
‘नवरस कथा कोलाज’ की टीम ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक सड़क के रास्ते फिल्म का प्रचार करते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस अनूठे अभियान में उन्होंने विभिन्न शहरों का दौरा कर दर्शकों से सीधा संवाद किया और फिल्म के सामाजिक संदेश को जन-जन तक पहुँचाया। इस प्रयास ने फिल्म के प्रति दर्शकों की जिज्ञासा को और भी बढ़ा दिया है।
फिल्म का विश्लेषण
इस फिल्म के निर्माता समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का उद्देश्य रखते हैं और इसे देखकर यह साफ हो जाता है कि सभी ने अपनी भूमिका के लिए बहुत मेहनत की है। फिल्म के टाइटल से ही पता चलता है कि इसमें नौ अलग-अलग रस की कहानियाँ हैं। बड़े बजट की फिल्मों की तुलना में ‘नवरस कथा कोलाज’ में कुछ सीमाएँ थीं, लेकिन इसके संदेश और प्रयास को देखते हुए यह एक अद्भुत फिल्म कही जा सकती है।

समग्र विचार
यह एक ऐसी फिल्म है जिसे अकेले या दोस्तों के साथ देखकर जरूर कुछ सीखने को मिलेगा। भले ही सिनेमा मालिक इसे ज्यादा प्रोत्साहन न दें, लेकिन इसे देखकर दर्शक कुछ न कुछ सीख लेकर ही बाहर आएंगे। काश, ऐसी साफ-सुथरी फिल्मों को देशभर में टैक्स फ्री किया जाए और दूरदर्शन पर प्रसारित किया जाए।
कलाकार: प्रवीण हिंगोनिया, दयानंद शेट्टी, रेवती पिल्लई, सुनीता महेश शर्मा, प्राची सिन्हा, अमरदीप झा, श्रेया, जय शंकर त्रिपाठी और स्वर हिंगोनिया।