रक्षा मंत्री ने ‘Nrityamrit’ रिपोर्ट का किया लोकार्पण, नाट्य तरंगिणी ने किया…

Raksha Mantri launches Nrityamrit report at Shambhavi Sharma’s Rangpravesham organised by Natya Tarangini

नई दिल्ली, 24 अक्टूबर 2025 — भारतीय कला, परंपरा और युवा प्रतिभा का अनोखा संगम उस समय देखने को मिला जब रक्षा मंत्री Shri Rajnath Singh ने Shambhavi Sharma के रंगप्रवेश समारोह के दौरान “Nrityamrit” रिपोर्ट का लोकार्पण किया। यह आयोजन नाट्य तरंगिणी द्वारा नई दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यक्रम में सांसद श्री राजीव प्रताप रूड़ी तथा प्रसिद्ध पद्मश्री गुरु राजा और राधा रेड्डी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें रक्षा मंत्री Shri Rajnath Singh, श्री राजीव प्रताप रूड़ी, गुरु राजा और राधा रेड्डी, तथा शांभवी के माता-पिता श्री कुंदन कुमार और श्रीमती पल्का साहनी ने भाग लिया।

गुरुओं के मार्गदर्शन में शांभवी ने चार मोहक कुचिपुड़ी प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें शास्त्रीय नृत्य की निपुणता, भावनात्मक अभिव्यक्ति और साधना की झलक स्पष्ट रूप से दिखाई दी। उनके इस समर्पण और समाजहित की दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री ने “Nrityamrit” रिपोर्ट का लोकार्पण किया, जिसमें नृत्य के माध्यम से उपचार और मानसिक शांति प्रदान करने की उनकी पहल का वर्णन है।

कार्यक्रम के दौरान सांसद श्री राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा: “मेरी अपनी बेटी आतिशा ने भी इन्हीं गुरुओं से सीखा है और शांभवी को वर्षों से आगे बढ़ते हुए देखना गर्व की बात है। जब मैंने उसे पहली बार देखा था, तब उसकी ऊँचाई मेरी मेज़ से भी कम थी, और आज वह एक प्रशिक्षित कुचिपुड़ी नृत्यांगना के रूप में हमारे सामने खड़ी है — अनुशासन और समर्पण की प्रतीक।”

दिल्ली के संस्कृति स्कूल की कक्षा 12 की छात्रा Shambhavi Sharma कला को सामाजिक प्रभाव से जोड़ने के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने “Nrityamrit” की स्थापना की, जिसके माध्यम से वे अस्पतालों और बच्चों के बीच नृत्य के जरिए खुशी और उपचार का प्रसार करती हैं। उनके सत्र मरीजों को मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं, वहीं वे वंचित बच्चों को साप्ताहिक नृत्य प्रशिक्षण भी देती हैं। अगस्त 2024 से अब तक, उनकी पहल से 45 से अधिक लोगों के जीवन में परिवर्तन आया है।

कार्यक्रम में Shambhavi की नृत्य यात्रा पर आधारित एक विशेष वीडियो प्रस्तुति भी दिखाई गई, जिसने यह दर्शाया कि नृत्य केवल अभिव्यक्ति नहीं बल्कि साधना, अनुशासन और आत्मविकास का मार्ग है। मंच पर हर भाव, मुद्रा और ताल ने नाट्य तरंगिणी की वर्षों की साधना और भारतीय संस्कृति के प्रति निष्ठा को दर्शाया।

इस अवसर पर Shambhavi Sharma ने कहा, “मुझे हर ओर से मिला प्रेम और सहयोग मेरे लिए अत्यंत प्रेरणादायक है। आज का दिन किसी समापन का नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत का प्रतीक है। मैं अपने गुरुओं के सान्निध्य में नृत्य की यह साधना आगे भी जारी रखूँगी।”

यह रंगप्रवेश केवल शांभवी की एकल नृत्य यात्रा की औपचारिक शुरुआत नहीं थी, बल्कि कला की परिवर्तनकारी शक्ति और नाट्य तरंगिणी की भारतीय परंपरा को जीवित रखने की निरंतर प्रतिबद्धता का भी उत्सव था।

रक्षा मंत्री ने ‘Nrityamrit’ रिपोर्ट का किया लोकार्पण, नाट्य तरंगिणी ने किया शांभवी शर्मा का रंगप्रवेश आयोजन

नई दिल्ली, 24 अक्टूबर 2025 — भारतीय कला, परंपरा और युवा प्रतिभा का अनोखा संगम उस समय देखने को मिला जब रक्षा मंत्री Shri Rajnath Singh ने Shambhavi Sharma के रंगप्रवेश समारोह के दौरान “Nrityamrit” रिपोर्ट का लोकार्पण किया। यह आयोजन नाट्य तरंगिणी द्वारा नई दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यक्रम में सांसद श्री राजीव प्रताप रूड़ी तथा प्रसिद्ध पद्मश्री गुरु राजा और राधा रेड्डी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, श्री राजीव प्रताप रूड़ी, गुरु राजा और राधा रेड्डी, तथा शांभवी के माता-पिता श्री कुंदन कुमार और श्रीमती पल्का साहनी ने भाग लिया।

गुरुओं के मार्गदर्शन में शांभवी ने चार मोहक कुचिपुड़ी प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें शास्त्रीय नृत्य की निपुणता, भावनात्मक अभिव्यक्ति और साधना की झलक स्पष्ट रूप से दिखाई दी। उनके इस समर्पण और समाजहित की दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री ने “Nrityamrit” रिपोर्ट का लोकार्पण किया, जिसमें नृत्य के माध्यम से उपचार और मानसिक शांति प्रदान करने की उनकी पहल का वर्णन है।

कार्यक्रम के दौरान सांसद श्री राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा: “मेरी अपनी बेटी आतिशा ने भी इन्हीं गुरुओं से सीखा है और शांभवी को वर्षों से आगे बढ़ते हुए देखना गर्व की बात है। जब मैंने उसे पहली बार देखा था, तब उसकी ऊँचाई मेरी मेज़ से भी कम थी, और आज वह एक प्रशिक्षित कुचिपुड़ी नृत्यांगना के रूप में हमारे सामने खड़ी है — अनुशासन और समर्पण की प्रतीक।”

दिल्ली के संस्कृति स्कूल की कक्षा 12 की छात्रा शांभवी शर्मा कला को सामाजिक प्रभाव से जोड़ने के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने “Nrityamrit” की स्थापना की, जिसके माध्यम से वे अस्पतालों और बच्चों के बीच नृत्य के जरिए खुशी और उपचार का प्रसार करती हैं। उनके सत्र मरीजों को मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं, वहीं वे वंचित बच्चों को साप्ताहिक नृत्य प्रशिक्षण भी देती हैं। अगस्त 2024 से अब तक, उनकी पहल से 45 से अधिक लोगों के जीवन में परिवर्तन आया है।

कार्यक्रम में शांभवी की नृत्य यात्रा पर आधारित एक विशेष वीडियो प्रस्तुति भी दिखाई गई, जिसने यह दर्शाया कि नृत्य केवल अभिव्यक्ति नहीं बल्कि साधना, अनुशासन और आत्मविकास का मार्ग है। मंच पर हर भाव, मुद्रा और ताल ने नाट्य तरंगिणी की वर्षों की साधना और भारतीय संस्कृति के प्रति निष्ठा को दर्शाया।

इस अवसर पर शांभवी शर्मा ने कहा, “मुझे हर ओर से मिला प्रेम और सहयोग मेरे लिए अत्यंत प्रेरणादायक है। आज का दिन किसी समापन का नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत का प्रतीक है। मैं अपने गुरुओं के सान्निध्य में नृत्य की यह साधना आगे भी जारी रखूँगी।”

यह रंगप्रवेश केवल शांभवी की एकल नृत्य यात्रा की औपचारिक शुरुआत नहीं थी, बल्कि कला की परिवर्तनकारी शक्ति और नाट्य तरंगिणी की भारतीय परंपरा को जीवित रखने की निरंतर प्रतिबद्धता का भी उत्सव था।

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