शीना चौहान की फिल्मोग्राफी: रीजनल पर्दे से पैन-इंडिया सपनों तक-अभिनेत्री एक अखिल भारतीय स्टार के रूप में उभरने के लिए पूरी तरह तैयार है
शीना चौहान को जानिए? वो अभिनेत्री जिनकी कला ने उन्हें क्षेत्रीय फ़िल्मों से लेकर अखिल भारतीय स्तर तक पहुँचाया – और ये सब उन्होंने बिना किसी गॉडफ़ादर के किया।
फ़िल्म इंडस्ट्री में जहाँ चमक-दमक बहुत है, वहीं कुछ ही सितारे ऐसे होते हैं जो अपने हुनर और सच्चाई से अलग पहचान बनाते हैं। शीना चौहान ऐसी ही एक अभिनेत्री हैं — जो न सिर्फ एक टैलेंटेड एक्ट्रेस हैं बल्कि एक ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट भी हैं। उनकी यात्रा प्रेरणादायक है — जो विरासत पर नहीं, बल्कि मेहनत, लगन और उद्देश्य पर टिकी है।
एक कलाकार की जड़ें
चंडीगढ़ में जन्मी और कोलकाता में पली-बढ़ी शीना चौहान का बचपन शिक्षा और जिज्ञासा से भरा था। उनकी माँ एक शिक्षिका थीं, जिन्होंने शीना को सीखने का प्रेम सिखाया। वहीं शीना की कल्पनाशक्ति ने उन्हें कला की दुनिया में खींच लिया।
स्टेज से उनका रिश्ता बचपन से रहा — थिएटर करना, डांस सीखना और इंसानी भावनाओं को समझना उनकी ज़िंदगी का हिस्सा था।
उन्होंने मशहूर थिएटर डायरेक्टर अरविंद गौड़ के साथ पाँच साल तक थिएटर की ट्रेनिंग ली, जहाँ उन्होंने अभिनय की सच्चाई और गहराई को महसूस करना सीखा। इसके साथ ही उन्होंने कॉन्टेम्पररी डांस में महारत हासिल की और मार्शल आर्ट्स में ब्राउन बेल्ट भी पाई। वो अक्सर कहती हैं, “थिएटर ने मुझे सिखाया कि अभिनय से पहले महसूस करना ज़रूरी है।”
ममूटी से लेकर ग्लोबल स्टेज तक
शीना ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार ममूटी के साथ फिल्म The Train से की, जिसका निर्देशन नेशनल अवॉर्ड विजेता जयाराज ने किया था।
लेकिन शीना ने आम रास्ता नहीं चुना — उन्होंने इंडिपेंडेंट सिनेमा का रास्ता अपनाया। उन्होंने बंगाली फिल्म इंडस्ट्री के लीजेंड बुद्धदेव दासगुप्ता की दो फिल्मों में लीड रोल निभाया। इसके बाद उन्होंने Ant Story में मुख्य भूमिका निभाई, जिसका निर्देशन मोस्तफ़ा सरवर फारूकी ने किया था।
इस फिल्म ने उन्हें दुबई और शंघाई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट एक्ट्रेस के लिए नॉमिनेशन दिलाए और बाद में इसे Netflix ने खरीदा।
संघर्ष और उभरना
बिना किसी गॉडफादर के, उनका सफर आसान नहीं था। लेकिन शीना ने कभी हार नहीं मानी। वो कहती हैं, “डिसिप्लिन मेरा एंकर है।” यही सोच उन्हें आगे बढ़ाती रही।
उनकी मेहनत का फल तब मिला जब उन्होंने OTT प्लेटफॉर्म्स पर बेहतरीन प्रदर्शन किया —
The Fame Game (Netflix) में माधुरी दीक्षित के साथ और The Trial (Disney+ Hotstar) में काजोल के साथ जैस्मिन लोबो का किरदार निभाया, जिसमें उनके शांत लेकिन असरदार अभिनय ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
संत तुकाराम और पैन-इंडिया पहचान
शीना की बॉलीवुड डेब्यू फिल्म संत तुकाराम उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुई। इसमें उन्होंने आवली जीजाबाई, संत तुकाराम की पत्नी का किरदार निभाया — जिसमें उन्होंने गहरी भावनाएँ और आत्मीयता दिखाई।
इसके लिए शीना ने मराठी साहित्य का अध्ययन किया और पारंपरिक प्रस्तुतियों से प्रेरणा ली, जिससे उनका प्रदर्शन बेहद प्रामाणिक बना।
अब शीना कई भाषाओं में काम कर रही हैं, जिसमें उनका तेलुगु डेब्यू भी शामिल है। आज वो एक पैन-इंडिया एक्ट्रेस के रूप में जानी जाती हैं — जिनकी पहचान उनके विश्वास और कला से बनी है।
सिर्फ पर्दे तक नहीं, समाज के लिए भी आवाज़
फिल्मों के अलावा शीना चौहान United for Human Rights की South Asia Ambassador हैं। उन्होंने लाखों लोगों तक मानव अधिकारों का संदेश पहुँचाया है।
उन्हें संयुक्त राष्ट्र (UN) में Human Rights Hero Award से सम्मानित किया गया — जिससे उन्होंने एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान और मज़बूत की।
शीना चौहान की कहानी स्वयं पर विश्वास, सार्थकता और संवेदनशीलता की कहानी है।
एक ऐसे दौर में जहाँ शोहरत पलभर की होती है, शीना यह साबित करती हैं कि सच्ची कला, मेहनत और मकसद से ही कोई कलाकार अमर बनता है।