30 सालों बाद पहली बार मिला राष्ट्रीय सम्मान, रानी मुखर्जी ने कहा-…

30 साल की मेहनत, ईमानदारी और जुनून को मिला राष्ट्रीय पहचान का ताज

नई दिल्ली, 2 अगस्त 2025

71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा के साथ ही बॉलीवुड के कई दिग्गज सितारों के चेहरे खिल उठे हैं। इस बार खास चर्चा में रहीं 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री रानी मुखर्जी, जिन्होंने अपने 30 साल लंबे करियर में पहली बार बेस्ट एक्ट्रेस का राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम किया। रानी को यह अवॉर्ड उनकी चर्चित फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ में दमदार अभिनय के लिए मिला है।

18 की उम्र में शुरू हुआ फिल्मी सफर

रानी मुखर्जी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत मात्र 18 साल की उम्र में बंगाली फिल्म ‘बियेर फूल’ से की थी। उसके बाद हिंदी सिनेमा में कदम रखने के बाद उन्होंने ‘कुछ कुछ होता है’, ‘ब्लैक’, ‘हिचकी’, ‘नो वन किल्ड जेसिका’ जैसी कई यादगार फिल्में दीं। लेकिन राष्ट्रीय पुरस्कार उनसे हमेशा दूर ही रहा — जब तक कि साल 2023 में आई उनकी फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ ने समीक्षकों और दर्शकों दोनों का दिल नहीं जीत लिया।

एक मां की लड़ाई, जो दिल तक उतर गई

इस फिल्म में रानी ने एक ऐसी भारतीय मां की भूमिका निभाई, जो अपने बच्चों की कस्टडी के लिए नॉर्वे जैसे देश की कानूनी व्यवस्था से भिड़ जाती है। इस भावनात्मक और सच्ची कहानी को परदे पर जीवंत करना आसान नहीं था, लेकिन रानी ने अपने अभिनय से हर सीन को आत्मा से जिया। अब जब उन्हें इस भूमिका के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला है, तो वे बेहद भावुक हो गईं।

“मेहनत और सच्चाई रंग लाती है”

अवार्ड मिलने के बाद रानी ने कहा,

“ये सम्मान मेरे पूरे 30 साल के करियर की सच्चाई और समर्पण का नतीजा है। मैंने हमेशा अपने काम को पूरी ईमानदारी से किया है। आज भी यकीन नहीं हो रहा कि मुझे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है।”

उन्होंने इस उपलब्धि के लिए अपनी फिल्म की पूरी टीम को श्रेय दिया। निर्देशक असीमा छिब्बर, प्रोड्यूसर निखिल आडवाणी, मोनिशा और मधु का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि यह अवॉर्ड उनकी टीम की मेहनत का फल है।

मां बनने के अनुभव ने बदल दिया नजरिया

रानी ने बताया कि जब वे खुद मां बनीं, तब उन्हें इस फिल्म की भावनाओं को और गहराई से समझने का मौका मिला। उन्होंने कहा,

“यह फिल्म सिर्फ एक किरदार नहीं, बल्कि मेरी आत्मा का हिस्सा बन गई थी। इसलिए ये अवॉर्ड मेरे लिए सिर्फ प्रोफेशनल उपलब्धि नहीं, बल्कि एक गहरा व्यक्तिगत अनुभव है।”

रानी ने यह अवॉर्ड दुनिया की हर मां को समर्पित किया।

सिनेमा उनके लिए सिर्फ करियर नहीं

रानी मुखर्जी का मानना है कि सिनेमा उनके लिए सिर्फ एक करियर नहीं, बल्कि आध्यात्मिक अनुभव है। उन्होंने कहा,

“मैं हर किरदार को दिल से निभाने की कोशिश करती हूं। अभिनय मेरे लिए पूजा है, और दर्शकों का प्यार मेरी सबसे बड़ी ताकत।”

फैंस को दिया खास धन्यवाद

अपने 30 साल के करियर के बारे में बात करते हुए रानी ने कहा कि इस यात्रा में उनके फैंस का बहुत बड़ा योगदान रहा है।

“उन्होंने मुझे हमेशा बिना शर्त प्यार दिया, मुझे हर दिन शूट पर जाने की प्रेरणा दी। जो भी आज मैं हूं, उसमें मेरे चाहने वालों का सबसे बड़ा हाथ है।”

शाहरुख और विक्रांत मैसी को भी मिला सम्मान

71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में रानी के साथ-साथ शाहरुख खान को उनकी ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘जवान’ के लिए और विक्रांत मैसी को ‘12वीं फेल’ में शानदार परफॉर्मेंस के लिए बेस्ट एक्टर का पुरस्कार मिला है।

रानी मुखर्जी की यह जीत न सिर्फ उनके लिए, बल्कि पूरे बॉलीवुड के लिए गर्व का पल है — एक ऐसी अभिनेत्री को सम्मानित किया गया है, जिसने तीन दशकों तक लगातार सिनेमा को अपना सर्वस्व दिया।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *