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Tuesday, May 13, 2025

‘भारत कुमार’ मनोज कुमार का 87 वर्ष की उम्र में निधन, देशभक्ति के सिनेमा को कहा अलविदा

‘भारत कुमार’ मनोज कुमार का 87 वर्ष की उम्र में निधन, देशभक्ति के सिनेमा को कहा अलविदा

‘भारत कुमार’ ने कहा अंतिम अलविदा, सिनेमा को मिला एक अमर नायक


04 अप्रैल 2025 , नई दिल्ली

भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और निर्देशक मनोज कुमार का शुक्रवार देर रात 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली। देशभक्ति से ओत-प्रोत फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले मनोज कुमार को लोग ‘भारत कुमार’ के नाम से भी जानते थे।

उनके बेटे कुणाल गोस्वामी ने जानकारी दी कि, “पिता पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। यह ईश्वर की कृपा है कि उन्होंने शांतिपूर्वक दुनिया को अलविदा कहा। अंतिम संस्कार शनिवार सुबह 11 बजे मुंबई में किया जाएगा, कुछ परिजनों के पहुंचने का इंतजार है।”

सिनेमा का सितारा जो ‘भारत’ बन गया

24 जुलाई 1937 को हरिकृष्ण गिरि गोस्वामी के रूप में जन्मे मनोज कुमार ने हिंदी सिनेमा को ऐसी फिल्में दीं, जो आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं। उन्होंने न केवल अभिनय किया, बल्कि कई फिल्में निर्देशित भी कीं। उनकी प्रमुख फिल्मों में ‘शहीद’ (1965), ‘उपकार’ (1967), ‘पूरब और पश्चिम’ (1970), ‘रोटी कपड़ा और मकान’ (1974) और ‘क्रांति’ (1981) शामिल हैं। उनके बनाए गए किरदार और कहानियाँ आम भारतीयों की भावनाओं से गहराई से जुड़ी हुई थीं।

पीएम मोदी और फिल्म जगत ने दी श्रद्धांजलि

मनोज कुमार के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फिल्म निर्माता अशोक पंडित, गीतकार मनोज मुंतशिर, और निर्देशक विवेक अग्निहोत्री सहित कई बड़ी हस्तियों ने शोक जताया। कुणाल गोस्वामी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं पीएम मोदी और सभी चाहने वालों का आभारी हूं कि उन्होंने पिताजी के प्रति अपना स्नेह और सम्मान व्यक्त किया। उनकी दुआओं से ही पिताजी का शांतिपूर्वक स्वर्गवास हुआ।”

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“फिल्में आज भी प्रासंगिक हैं” – कुणाल गोस्वामी

अपने पिता की फिल्मों को याद करते हुए कुणाल ने कहा, “पिताजी की ‘उपकार’, ‘पूरब पश्चिम’ और ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जैसी फिल्में उस दौर में भी प्रासंगिक थीं और आज भी हैं। वे आम जनता की भावनाओं को समझते थे और उन्हीं भावनाओं को सिनेमा के ज़रिए सामने लाते थे।”

“देशभक्त कभी मरते नहीं” – फिल्म इंडस्ट्री

निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मनोज कुमार जैसे देशभक्ति कलाकार कभी नहीं मरते।” वहीं गीतकार मनोज मुंतशिर ने उन्हें अपने गीतों की प्रेरणा बताया और अशोक पंडित ने उनके निधन को भारतीय सिनेमा के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया।

मनोज कुमार भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी बनाई देशभक्ति की कहानियाँ, सिनेमा के ज़रिए हमेशा हमारे दिलों में ज़िंदा रहेंगी।

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