06 जनवरी 2025, नई दिल्ली
भोजपुरी संगीत की प्रख्यात गायिका कल्पना पटोवारी ने अपने नए भोजपुरी एल्बम “गंगास्नान” को दिल्ली के प्रेस क्लब में लॉन्च किया। यह एल्बम महाकुंभ 2025 के पवित्र अवसर पर गंगा स्नान की महिमा को समर्पित है। इस कार्यक्रम में अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि जी महाराज और राष्ट्रीय नेता जयप्रकाश निषाद भी मौजूद रहे।
कल्पना पटोवारी: असम से बिहार तक का सफर
असम की मूल निवासी कल्पना पटोवारी ने भोजपुरी संगीत जगत में अपनी अनोखी आवाज़ और विविधता से खास पहचान बनाई है। छठ पर्व के उनके गीतों ने बिहारवासियों का दिल जीत लिया, जिसके बाद उन्हें “बिहार की बेटी” का खिताब मिला। भोजपुरी भाषा को अपना कर्मक्षेत्र मानने वाली कल्पना ने हर तरह के गीत गाए हैं, लेकिन “गंगास्नान” उनके सभी गीतों से अलग और खास है।
भोजपुरी साहित्य की ओर रुख
“गंगास्नान” गीत की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर ने लिखा है। भिखारी ठाकुर के गीत बिहार में बेहद प्रसिद्ध हैं और उनके साहित्यिक योगदान को भोजपुरी समुदाय बहुत सम्मान देता है। कल्पना पटोवारी का कहना है कि उन्हें “गंदी बात” जैसे लोकप्रिय गीतों के बजाय “गंगास्नान” जैसे गीतों के लिए याद किया जाए।
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गीत और संगीत का वैश्विक सहयोग
“गंगास्नान” एल्बम को संगीत की दृष्टि से अंतरराष्ट्रीय स्वरूप दिया गया है। इसमें जैज़ और ब्लूज़ की छवि को प्रस्तुत करने वाले संगीतकार लुइस बैंक्स ने संगीत दिया है। गाने में मणिकर्णिका घाट और गंगा नदी के आध्यात्मिक प्रतीक को दिखाया गया है। गाने का निर्देशन राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता समुज्जल कश्यप ने किया है। एल्बम में स्पेन के सैंटी, डेनमार्क के सुरुष साचा, और भारत के प्रसिद्ध लोक कलाकार दिवंगत रामाज्ञा राम जैसे कलाकारों का सहयोग शामिल है।
संगीत की अनूठी शैली
इस गाने में जैज़ ब्लूज़ पियानो परिचय, गिटार और सिंथ फिलर्स के साथ गंगा की गतिशीलता को दर्शाया गया है। गीनो बैंक्स के ड्रम सोलो और दिलशाद खान की सारंगी ने इसे संगीतमय ऊंचाई दी है। साथ ही, फ्रेंच हॉर्न और रॉक गिटार ने इसे और मजबूत बनाया। गीत का समापन शेल्डन डी’सिल्वा के बास पार्ट्स और लुइस बैंक्स की पियानो फ्लाइट्स के साथ किया गया है।
गंगा की महिमा पर दृष्टिकोण
गंगा की गंदगी पर सवाल पूछे जाने पर कल्पना ने गंगा को मां का दर्जा दिया और कहा, “मां चाहे जैसी भी हो, हमारे लिए मां होती है।” “गंगास्नान” के माध्यम से उन्होंने यह संदेश दिया है कि गंगा स्नान से इंसान के सारे पाप धुल जाते हैं।
इस एल्बम के माध्यम से कल्पना पटोवारी ने न केवल भोजपुरी साहित्य को नई पहचान दी है, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहुंचाने की कोशिश की है। उनका यह प्रयास भोजपुरी संगीत के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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