Movie | Jahankilla |
कलाकार: | जोबनप्रीत सिंह, गुरबानी गिल, जश्न कोहली, जीत सिंह पंवार |
निर्देशक | विकी कदम |
सेंसर: | U/A |
अवधि: | 130 मिनट |
Rating |
अक्सर फिल्ममेकर्स बॉक्स ऑफिस पर मुनाफा कमाने की होड़ में अपनी फिल्मों में अनावश्यक कॉमेडी, एक्शन, बोल्ड सीन और डबल मीनिंग डायलॉग्स ठूंस देते हैं। लेकिन इस फिल्म के निर्माता और निर्देशक साधुवाद के पात्र हैं, जिन्होंने कहानी को पूरी ईमानदारी के साथ सिल्वर स्क्रीन पर पेश किया है। यही वजह है कि इंडियन क्रिकेट के महानायक कपिल देव ने इस फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद इसकी विशेष स्क्रीनिंग में शिरकत की और फिल्म की जमकर तारीफ की। फिल्म के टाइटल में भी कपिल देव का संदेश छुपा हुआ है।
करीब 130 मिनट लंबी यह फिल्म आज सिनेमाघरों में रिलीज हुई। हालांकि, यह समझना मुश्किल है कि मेकर्स ने इसे प्रमोट क्यों नहीं किया। अगर फिल्म को रिलीज से 10-15 दिन पहले प्रमुख शहरों में स्टार्स के साथ प्रमोट किया गया होता, तो यह बॉक्स ऑफिस पर बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी।
कहानी
फिल्म की कहानी पंजाब की सकारात्मक तस्वीर पेश करती है। यह खुशहाल और विकास की ओर बढ़ते पंजाब को दिखाती है, ना कि “उड़ता पंजाब” जैसी फिल्मों की तरह नशे में फंसे युवाओं की कहानी। शायद यही वजह है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी इस फिल्म को युवा पीढ़ी को प्रेरित करने वाली फिल्म बताया है।
फिल्म फ्लैशबैक से शुरू होती है। कहानी एक युवा लेखक की है, जो अपनी नई किताब जहानकिल्ला अपने खास दोस्त को भेंट करने जा रहा है। यहीं से उसकी पुरानी यादों का सिलसिला शुरू होता है।
फिल्म का मुख्य पात्र शिंदा (जोबनप्रीत सिंह) एक सिख युवक है, जो अपने गांव में पढ़ाई पूरी करने के बाद दोस्तों के साथ मौज-मस्ती में व्यस्त रहता है। कहानी शिंदा और उसके दोस्तों गर्वीला (जश्न कोहली) और संजू (जीत सिंह पंवार) के इर्द-गिर्द घूमती है। ये तीनों पुलिस फोर्स में चयनित होकर ट्रेनिंग के लिए जहानकिल्ला एकेडमी पहुंचते हैं।
यहां इनकी ट्रेनिंग सेवा सिंह (प्रकाश गढू) की देखरेख में होती है। ट्रेनिंग के दौरान ये अपने परिवारों के लिए एक बेहतर भविष्य का सपना देखते हैं। लेकिन कहानी में मोड़ तब आता है जब शिंदा एकेडमी के चीफ के भतीजे के साथ मारपीट में उलझ जाता है। इसके बाद चीफ और उसका भतीजा उसे हर दिन प्रताड़ित करते हैं। इस संघर्ष से निकलने के लिए शिंदा अपने दोस्तों के साथ मिलकर आईपीएस बनने का बड़ा सपना देखता है और उसे साकार करने में जुट जाता है।
फिल्म की विशेषताएं
डायरेक्टर विकी कदम ने पुलिस एकेडमी के माहौल को बड़ी खूबसूरती और ईमानदारी से पर्दे पर उतारा है। शिंदा की प्रेमिका सिमरन (गुरबानी गिल) का स्क्रीन टाइम भले ही कम है, लेकिन उन्होंने अपने किरदार में जान डाल दी है।
फिल्म के लेखक और मुख्य अभिनेता जोबनप्रीत सिंह ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है। संजू के किरदार में जीत सिंह पंवार फिट बैठते हैं, जबकि गर्वीला की भूमिका में जश्न कोहली शानदार हैं। फिल्म के गाने कहानी के अनुरूप हैं और दर्शकों को जोड़ते हैं।
खामियां
हालांकि फिल्म में कुछ खामियां भी हैं। इसका अंत अचानक आता है, जिससे लगता है कि मेकर्स फिल्म का पार्ट 2 बनाने की योजना में हैं।
अंतिम राय
अगर आप साफ-सुथरी और प्रेरणादायक फिल्मों के प्रशंसक हैं, तो यह फिल्म आपको निराश नहीं करेगी।