“Macguffin”: रोहित अरोड़ा की थ्रिलर फिल्म 8 अगस्त को होगी रिलीज, फ्लैट…

"Macguffin": रोहित अरोड़ा की थ्रिलर फिल्म 8 अगस्त को होगी रिलीज, फ्लैट अर्थ सिद्धांत पर आधारित है कहानी

“Macguffin” दर्शकों को ले जाती है हकीकत और भ्रम के बीच की धुंधली रेखा पर

नई दिल्ली , 8 अगस्त 2025


फिल्म निर्देशक रोहित अरोड़ा एक बार फिर बड़े पर्दे पर वापसी कर रहे हैं अपनी अब तक की सबसे साहसी और प्रयोगात्मक फिल्म “Macguffin” के साथ, जो 8 अगस्त 2025 को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी। यह फिल्म एक डिटेक्टिव थ्रिलर है, जिसकी पृष्ठभूमि विश्व के सबसे विवादित षड्यंत्र सिद्धांतों में से एक – फ्लैट अर्थ थ्योरी – पर आधारित है।

रोअर पिक्चर कंपनी के बैनर तले बनी इस फिल्म का सह-निर्माण रोहित अरोड़ा और सारा दुर्गा ने किया है। यह कहानी एक निजी जासूस की है जिसे “Macguffin” नामक रहस्यमयी व्यक्ति की खोज का जिम्मा सौंपा जाता है। जैसे-जैसे वह अपनी जांच में आगे बढ़ता है, वैसे-वैसे उसकी दुनिया और भी अजीब और अनजानी होती जाती है – जहां हकीकत, भ्रम और पागलपन के बीच की सीमाएं धुंधली हो जाती हैं।

रोहित अरोड़ा एक बहु-प्रतिभाशाली फिल्मकार हैं जो न केवल निर्देशन करते हैं, बल्कि अपनी फिल्मों को स्वयं लिखते, संपादित करते और जरूरत पड़ने पर उनमें अभिनय भी करते हैं। अभिनय को लेकर उनकी सोच विशिष्ट है। वे कहते हैं,

“ये किरदार बेहद भावनात्मक यात्रा से गुजरते हैं। सालों लग जाते हैं इन कहानियों को आकार देने में, और उस मानसिक वजन को किसी और से उठवाना मुश्किल होता है।”

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"Macguffin": रोहित अरोड़ा की थ्रिलर फिल्म 8 अगस्त को होगी रिलीज, फ्लैट अर्थ सिद्धांत पर आधारित है कहानी

“Macguffin” की कहानी आंशिक रूप से एरिक दुबे की किताब “The Flat Earth Conspiracy” से प्रेरित है, लेकिन यह फिल्म उस विषय को और गहराई से एक दार्शनिक और मनोवैज्ञानिक आयाम में ले जाती है। यह सिर्फ एक सस्पेंस थ्रिलर नहीं है, बल्कि यह दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देने वाला सिनेमाई अनुभव भी है।

इससे पहले रोहित अरोड़ा ने 2020 में “द पिकअप आर्टिस्ट” जैसी सराही गई फिल्म दी थी, जो फिलहाल Amazon Prime Video पर उपलब्ध है। “Macguffin” के ज़रिए वह एक बार फिर न केवल रचनात्मक रूप से, बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी एक नई छलांग लगा रहे हैं।

“हर बार सोचता हूं कि इस बार कैमरे के पीछे ही रहूंगा,” अरोड़ा मुस्कराते हुए कहते हैं,

“लेकिन हर बार कहानी मुझे वापस कैमरे के सामने खींच लाती है।”

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