बॉलीवुड में एक फिल्म… लेकिन यादगार! —Karan Sharma की अनसुनी कहानी
Karan Sharma :बॉलीवुड में कुछ सितारे ऐसे भी होते हैं जो भले ही पर्दे पर ज्यादा नज़र न आए हों, लेकिन उनका सफर दिलचस्प और चर्चा के काबिल होता है। ऐसे ही एक अभिनेता हैं करन शर्मा — एक ऐसा नाम जिसने बड़े पर्दे पर बस एक बार दस्तक दी, लेकिन अपने अभिनय और पारिवारिक विरासत की वजह से आज भी याद किए जाते हैं।

पारिवारिक पृष्ठभूमि से मिला फिल्मी संस्कार
26 अक्टूबर 1981 को जन्मे करन रोमेेश शर्मा एक इंडो-मॉरिशियन अभिनेता हैं। उनका जन्म भले ही मॉरिशस में हुआ हो, लेकिन उनके रगों में भारतीय सिनेमा का खून दौड़ता है। उनके पिता रोमेश शर्मा एक मशहूर भारतीय फिल्म निर्माता हैं, जिन्होंने ‘हम’ और ‘दिलजो भी कहे…’ जैसी फिल्मों में निर्देशन और निर्माण का काम किया है। यही पारिवारिक माहौल करन के भीतर अभिनय के प्रति रुझान को जन्म देता है।
मॉरिशस से मुंबई तक का सफर
करन शर्मा का करियर मॉरिशस से शुरू हुआ। साल 2003 में उन्होंने एक मॉरिशियन टेलीविजन सीरीज़ ‘C’est La Vie’ में अभिनय किया था। यह शो मॉरिशस में टेलीकाॅस्ट हुआ और करन की अदाकारी को सराहा गया। यहीं से उन्हें भारतीय सिनेमा में कदम रखने का हौसला मिला।
2005 में बॉलीवुड डेब्यू — अमिताभ बच्चन के साथ
करन शर्मा की पहली और अब तक की इकलौती बॉलीवुड फिल्म थी ‘दिल जो भी कहे…’ जो साल 2005 में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में उन्होंने जय सिन्हा का मुख्य किरदार निभाया। सबसे बड़ी खास बात यह रही कि करन को इस फिल्म में अभिनय का मौका मिला सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ।
फिल्म का निर्देशन और सह-निर्माण खुद उनके पिता रोमेश शर्मा ने किया था। यह फिल्म भारतीय और मॉरिशियन संस्कृतियों के टकराव और प्रेम कहानी के इर्द-गिर्द घूमती है। हालांकि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औसत रही, लेकिन करन के अभिनय की सराहना हुई।
निजी ज़िंदगी भी रही सुर्खियों में
करन शर्मा की निजी ज़िंदगी भी फिल्मी गलियारों में चर्चा का विषय रही है। उन्होंने पहली शादी अलिक्षा आनंद से की थी, जो प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक मुकुल एस. आनंद की बेटी हैं। मुकुल आनंद ‘अग्निपथ’ और ‘खुदा गवाह’ जैसी सुपरहिट फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।
बाद में करन की दूसरी शादी इंदु कुमार शर्मा से हुई, जो मशहूर निर्देशक राकेश शर्मा की बेटी हैं। राकेश शर्मा ‘मि. नटवरलाल’, ‘दो और दो पांच’, ‘खून पसीना’ और ‘याराना’ जैसी फिल्मों के लिए प्रसिद्ध हैं।
इस तरह करन दो प्रभावशाली फिल्म परिवारों से जुड़ गए, जो उनके जीवन के फिल्मी पहलुओं को और गहरा करते हैं।
बहन भी संगीत के घराने में
करन शर्मा की बहन नीमा शर्मा का रिश्ता भी एक प्रतिष्ठित परिवार से जुड़ा है। वह सुप्रसिद्ध सरोद वादक अमजद अली खान के बेटे अयान अली खान की पत्नी हैं। इस तरह करन का परिवार न केवल फिल्मों, बल्कि संगीत की दुनिया में भी अपनी गहरी छाप रखता है।
क्यों नहीं लौटे करन दोबारा बड़े पर्दे पर?
एक सवाल जो अक्सर उठता है — जब करन शर्मा का डेब्यू इतना खास था, तो वह दोबारा पर्दे पर क्यों नहीं आए? इसका उत्तर कभी उन्होंने सार्वजनिक रूप से नहीं दिया, लेकिन यह माना जाता है कि वे अपने निजी जीवन और पारिवारिक जिम्मेदारियों में रम गए। संभव है कि उन्होंने अभिनय को एक जुनून की तरह लिया, न कि करियर की दौड़ की तरह।
करन शर्मा की कहानी हमें यह बताती है कि बॉलीवुड में सिर्फ स्क्रीन पर दिखना ही सफलता का पैमाना नहीं होता। कुछ लोग एक ही फिल्म से यादगार बन जाते हैं, और उनकी पहचान हमेशा दिलों में बनी रहती है।
‘दिल जो भी कहे…’ भले ही उनकी इकलौती फिल्म रही हो, लेकिन करन शर्मा ने उस एक मौके को भी पूरी सच्चाई और समर्पण से निभाया। आज जब भी इस फिल्म की चर्चा होती है, जय सिन्हा का किरदार लोगों को एक अलग एहसास देता है — एक ऐसा एहसास, जो अभिनय से ज़्यादा आत्मीयता से जुड़ा होता है।