‘Param Sundari’ Review: सिद्धार्थ-जान्हवी की जोड़ी ने जमाया रंग, लेकिन ढीली कहानी…

‘Param Sundari’ Review: सिद्धार्थ-जान्हवी की जोड़ी ने जमाया रंग, लेकिन ढीली कहानी खल गई

वन-टाइम वॉच बनी ‘Param Sundari’, जहां गाने और लोकेशन्स हैं असली हीरो

नई दिल्ली , 29 अगस्त 2025

सिद्धार्थ मल्होत्रा और जान्हवी कपूर स्टारर ‘Param Sundari’ 29 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है। फिल्म का टीज़र और ट्रेलर आने के बाद से दर्शकों में इसे लेकर काफी उत्सुकता थी। गाने पहले ही हिट हो गए थे, जिससे फिल्म से उम्मीदें और बढ़ गई थीं। सवाल यह है कि क्या फिल्म उन उम्मीदों पर खरी उतरी है?

फिल्म की कहानी

‘Param Sundari’ की कहानी Param (सिद्धार्थ मल्होत्रा) और Sundari (जान्हवी कपूर) की मुलाकात और उनकी अनोखी प्रेम यात्रा पर आधारित है। दिल्ली का रहने वाला परम सचदेव एक महत्वाकांक्षी और आत्मविश्वासी युवा व्यवसायी है, जो एक डेटिंग ऐप में निवेश करने की सोचता है। पिता से 5 करोड़ की राशि पाने के लिए उसे एक चुनौती दी जाती है—1 महीने के भीतर अपने लिए जीवनसाथी ढूंढ़ना, और वह भी उसी AI मैट्रिमोनियल ऐप के ज़रिए।

ऐप की एल्गोरिदम के मुताबिक उसकी परफेक्ट मैच है—Sundari , जो केरल में रहती है। चुनौती को पूरा करने के लिए परम वहां पहुंचता है और एक पुराने घर में किराएदार बनता है। यहीं उसकी मुलाकात होती है सुंदरी से, और धीरे-धीरे एक नया सफर शुरू होता है—रोमांस, मस्ती और संगीत से भरा हुआ।

पहले तो यह सब एक सौदे जैसा लगता है, लेकिन जैसे-जैसे Param Sundari को जानने लगता है, उसके दिल में सच्चा प्यार पनपने लगता है। मगर सुंदरी इतनी आसानी से दिल हारने वाली नहीं है। वह अपने मूल्यों और सोच से जुड़ी लड़की है, जिसके लिए प्यार कोई ऐप का मैच या प्रोफाइल नहीं, बल्कि एक एहसास है जिसे जीकर महसूस किया जाता है।

इस यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आते हैं, छोटे-छोटे टकराव और प्यारे पल कहानी को आगे बढ़ाते हैं। सुंदरी की छोटी बहन अम्मू (इनायत वर्मा) भी कहानी में अपनी मासूमियत और शरारत से रंग भरती है, हालांकि शुरुआत में परम से उसकी तकरार देखने को मिलती है।

निर्देशन

निर्देशक तुषार जलोटा ने फिल्म को हल्का-फुल्का और सादा रखने की कोशिश की है। दिल्ली की तेज़ रफ्तार और केरल की शांति—दोनों को कैमरे में खूबसूरती से उतारा गया है। लेकिन जहां पहले हाफ में फिल्म थोड़ी खिंची हुई लगती है, वहीं सेकंड हाफ में कुछ मज़ेदार पल जरूर आते हैं।

फिल्म का सबसे बड़ा आकर्षण सिनेमैटोग्राफी है। केरल की लोकेशन्स, बैकवॉटर और कलारीपयट्टू जैसे पारंपरिक दृश्य पर्दे पर शानदार दिखते हैं।

अभिनय

जान्हवी कपूर अपने किरदार में सहज नज़र आती हैं। उनकी स्क्रीन प्रेज़ेंस और कॉमिक टाइमिंग कई जगह काम आती है, हालांकि कुछ सीन में ओवरएक्टिंग खटकती है।

सिद्धार्थ मल्होत्रा का लुक और अंदाज़ तो सही बैठता है लेकिन एक्सप्रेशंस और इमोशनल सीन में उनकी कमी साफ दिखती है। मनजोत सिंह ने सपोर्टिंग रोल में अच्छा काम किया है और बाल कलाकार इनायत वर्मा अपनी मासूमियत से प्रभावित करती हैं।

क्या बेहतर हो सकता था?

‘Param Sundari’ एक प्यारी रोमांटिक कॉमेडी है, लेकिन इसमें वह भावनात्मक गहराई नहीं है जो दर्शकों को लंबे समय तक जोड़े रख सके। खासकर Sundari के किरदार को और परतदार बनाया जा सकता था, ताकि उसकी कहानी ज़्यादा प्रभावी लगे। कथानक में जो छोटी-छोटी उपकथाएं जोड़ी गई हैं, वे भी प्रेम कहानी में खास जान नहीं डाल पातीं। फिल्म का क्लाइमेक्स उम्मीद से कमज़ोर है और कहानी को कुछ बोझिल बना देता है। अगर इसे और सधे अंदाज़ में समेटा जाता तो असर कहीं बेहतर होता।

फिल्म की कमज़ोरियां

फिल्म की सबसे बड़ी खामी इसकी सपाट और अनुमानित कहानी है। स्क्रीनप्ले ढीला है और कई सीन ऐसे लगते हैं जैसे कलाकारों को खुद ही संभालना पड़ा हो। डायलॉग्स भी गहराई या प्रभाव छोड़ने में असफल रहते हैं।

फिल्म की ताकत

वहीं, फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है इसका संगीत और विज़ुअल्स। ‘परदेसिया’ गाना पहले ही दर्शकों की प्लेलिस्ट का हिस्सा बन चुका है और पर्दे पर यह और भी खूबसूरत लगता है। केरल की लोकेशन्स सिनेमैटोग्राफी की वजह से शानदार दिखती हैं और फिल्म की जान बचा लेती हैं। इसके अलावा कुछ कॉमेडी सीन हल्की-फुल्की हंसी जरूर दिला जाते हैं।

देखें या छोड़ें?

‘Param Sundari’ रोमांटिक कॉमेडी की तलाश कर रहे दर्शकों के लिए एक हल्की-फुल्की फिल्म है। सिद्धार्थ-जान्हवी की ऑन-स्क्रीन जोड़ी और गानों के कारण इसे एक बार देखा जा सकता है। लेकिन अगर आप गहरी कहानी या ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ जैसी एंटरटेनमेंट से भरपूर फिल्म की उम्मीद कर रहे हैं, तो यह उतनी प्रभावित नहीं कर पाएगी।

कुल मिलाकर, ‘Param Sundari’ एक वन-टाइम वॉच है—जहां म्यूजिक और लोकेशन्स दिल को भाते हैं, लेकिन कहानी उतना असर नहीं छोड़ती।

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