Filmiwire

Tuesday, May 13, 2025

Rishi Kapoor पुण्यतिथि विशेष: फिल्मी पर्दे के रोमांस किंग ‘चिंटू जी’ से जुड़े 10 दिलचस्प किस्से

Rishi Kapoor पुण्यतिथि विशेष: फिल्मी पर्दे के रोमांस किंग 'चिंटू जी' से जुड़े 10 दिलचस्प किस्से

दादाजी की आँखें हुईं नम, जब मिला Rishi Kapoor को पहला राष्ट्रीय पुरस्कार

30 अप्रैल 2025, नई दिल्ली

हिंदी सिनेमा के चहेते अभिनेता Rishi Kapoor की आज (30 अप्रैल) पांचवीं पुण्यतिथि है। 2020 में आज ही के दिन उन्होंने कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। लेकिन उनके चाहने वालों के दिलों में आज भी उनकी फिल्मों की मधुर यादें, उनका बेबाक अंदाज और मुस्कुराहट बसी हुई है। ‘बॉबी’, ‘कर्ज’, ‘सागर’, ‘चांदनी’ और ‘प्रेम रोग’ जैसी फिल्मों से रोमांस को नए मायने देने वाले चिंटू जी का फिल्मी और निजी जीवन कई दिलचस्प किस्सों से भरा हुआ था। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ अनसुने किस्से, जो उनकी आत्मकथा ‘खुल्लम खुल्ला’ और उनके करीबी लोगों की बातों से सामने आए हैं।

  1. स्कूल से निकाले गए थे ऋषि कपूर
    Rishi Kapoor जब कैम्पियन स्कूल में पढ़ते थे, तभी उन्हें पिता राज कपूर ने ‘मेरा नाम जोकर’ में बाल कलाकार के तौर पर चुना। लगातार शूटिंग के चलते Rishi Kapoor की स्कूल अटेंडेंस काफी कम हो गई, जिससे स्कूल प्रशासन नाराज हो गया और उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया। बाद में राज कपूर को बेटे का दोबारा दाखिला कराने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।
  2. पहला पुरस्कार बना परिवार के लिए गर्व का पल
    ‘मेरा नाम जोकर’ के लिए Rishi Kapoor को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। पिता राज कपूर ने यह मेडल Rishi Kapoor को उनके दादा पृथ्वीराज कपूर के पास लेकर भेजा। जैसे ही पृथ्वीराज कपूर ने मेडल देखा, उनकी आंखें नम हो गईं। उन्होंने Rishi Kapoor के माथे को चूमा और कहा, “राज ने मेरा कर्ज उतार दिया।” यह क्षण Rishi Kapoor के लिए बेहद भावुक था।
  3. रविवार को सिर्फ परिवार के लिए रखते थे समय
    अपने चाचा शशि कपूर की तरह Rishi Kapoor भी रविवार को शूटिंग नहीं करते थे। यह दिन उन्होंने पूरी तरह अपने परिवार और दोस्तों के लिए तय किया था। पत्नी नीतू कपूर बताती हैं कि चिंटू जी हर रविवार RK स्टूडियो में फिल्म देखते और दोस्तों संग समय बिताते थे।

    यह भी पढ़े:  ‘Housefull 5’ का टीज़र जल्द होगा रिलीज़, सीबीएफसी से मिली मंजूरी – इस बार क्रूज पर सजेगा कॉमेडी का मेला!
  4. बच्चों की परवरिश में थे सख्त
    Rishi Kapoor एक अनुशासित पिता थे। उन्होंने अपने बच्चों रणबीर और रिद्धिमा को कभी लाड़-प्यार में नहीं बिगाड़ा। रणबीर जब 16 साल के थे, तो उन्होंने कार की मांग की थी, लेकिन Rishi Kapoor ने यह कहकर मना कर दिया कि अभी तुम्हारी उम्र नहीं है। जब तक बच्चे खुद कमाने लायक नहीं हुए, तब तक उन्होंने उन्हें इकोनॉमी क्लास से ही यात्रा करवाई।
  5. उपहार देने में थे बेहद संयमी
    Rishi Kapoor को अनावश्यक खर्च पसंद नहीं था। उन्हें गिफ्ट देना या लेना ज्यादा नहीं भाता था। वह इस मामले में भी खासे स्पष्ट विचारों वाले थे।
  6. ‘बॉबी’ से बनीं स्टार, लेकिन चुराया था फोकस
    फिल्म ‘बॉबी’ को राज कपूर ने अपने बेटे को लॉन्च करने के लिए बनाई थी, लेकिन दर्शकों की नजरें डिंपल कपाड़िया पर ज्यादा ठहर गईं। इस बात को लेकर Rishi Kapoor थोड़े असहज भी थे, लेकिन उन्होंने इस चुनौती को स्वीकारा और खुद को रोमांटिक हीरो के रूप में स्थापित किया।
  7. नीतू के साथ रिश्ता था पहले टकराव भरा
    नीतू सिंह और Rishi Kapoor की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री जितनी प्यारी थी, रियल लाइफ में शुरुआत में उतनी ही उलझन भरी थी। नीतू ने कई बार बताया कि शूटिंग के दौरान Rishi Kapoor उन्हें परेशान करते थे, लेकिन वक्त के साथ दोनों एक-दूसरे के करीब आए और फिर जीवनसाथी बन गए।
  8. सोशल मीडिया पर रहते थे बेबाक
    अपने अंतिम वर्षों में Rishi Kapoor सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हो गए थे। वो राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय खुलकर रखते थे, जिसके कारण कई बार विवादों में भी आ जाते थे, लेकिन उन्होंने कभी अपनी बात कहने से परहेज नहीं किया।
  9. कपूर खानदान की विरासत को निभाया बखूबी
    राज कपूर के बेटे होने के नाते उन पर शुरू से ही अपेक्षाओं का बोझ था, लेकिन Rishi Kapoor ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से इसे एक आशीर्वाद में बदल दिया। उन्होंने 150 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और खुद को बहुमुखी अभिनेता के रूप में साबित किया।
  10. आखिरी वक्त तक एक्टिव रहे अभिनय में
    कैंसर से जूझने के बावजूद Rishi Kapoor आखिरी दिनों तक फिल्मों में काम करते रहे। उनकी आखिरी फिल्म ‘शर्माजी नमकीन’ को उनके निधन के बाद पूरा किया गया और इसे दर्शकों से भरपूर प्यार मिला।

Rishi Kapoor का जीवन प्रेरणादायक, भावनात्मक और सिनेमा के प्रति सच्ची निष्ठा से भरपूर था। वो न सिर्फ एक बेहतरीन कलाकार थे, बल्कि एक सच्चे फैमिली मैन और सिद्धांतों पर चलने वाले इंसान भी थे। उनकी यादें हमेशा उनके चाहने वालों के दिलों में जीवित रहेंगी।

यह भी पढ़े: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सख्त, पाकिस्तानियों का मेडिकल वीजा रद्द, 29 अप्रैल तक देश छोड़ने का आदेश