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Thursday, September 11, 2025

Bollywood की भूतनियों का बदलता फैशन – सफेद साड़ी से शॉर्ट ड्रेस तक का डरावना सफर

Bollywood की भूतनियाँ भी वक्त के साथ मॉडर्न हो चुकी हैं। एक जमाना था जब भूत का नाम लेते ही आंखों के सामने एक ही तस्वीर उभरती थी—सफेद साड़ी पहने...

Hyder Ali Ashrafi | Published: August 25, 2025 13:15 IST, Updated: August 25, 2025 13:15 IST
Bollywood की भूतनियों का बदलता फैशन – सफेद साड़ी से शॉर्ट ड्रेस तक का डरावना सफर





उस दौर में “Mahal” की मधुबाला, “Madhumati” की वैजयंती माला और “वो कौन थी” की साधना जैसे किरदार रहस्यमयी और खौफनाक लगते थे। उनका एक ही डायलॉग पूरे थिएटर में सन्नाटा भर देता था—“ये हवेली… ये खंडहर… और मैं… सब हमेशा तेरे इंतज़ार में हैं।” उस समय का फॉर्मूला सीधा था—सफेद कपड़ा और अंधेरा, और डर अपने आप पैदा हो जाता था।

लेकिन आज की भूतनियाँ अब सिर्फ डराने तक सीमित नहीं रहीं। वे फैशन आइकॉन बन चुकी हैं। “राज़” और “1920” में भूतनियों का गेटअप देखकर लगा जैसे वे किसी फैशन शो से सीधे फिल्म के सेट पर आ गई हों। “हॉन्टेड 3D” में तो भूतनी रेड गाउन पहनकर दरवाजे तोड़ती है और “Bhool Bhulaiyaa” की मंजुलिका या “Bhool Bhulaiyaa 2” की चंद्रिका तो एकदम स्टाइलिश भूतनियाँ निकलीं। वहीं “स्त्री” में तो मामला इतना आगे बढ़ गया कि भूतनी डराने से ज्यादा कॉमेडी करने लगी। आज की भूतनियाँ डायलॉग भी ऐसे बोलती हैं जो डर से ज्यादा हंसी पैदा कर दें—“डरो मत… मैं बस तुम्हारा Netflix पासवर्ड लेने आई हूँ” या “तेरा खून पियूँगी, पर पहले एक सेल्फी ले लूँ।”



अब सवाल यह उठता है कि आखिर फिल्मों में ज्यादातर भूतनियाँ ही क्यों दिखाई जाती हैं, भूत क्यों नहीं। इसका जवाब है ग्लैमर और असर। इंडियन दर्शक मानते हैं कि औरत का गुस्सा और दर्द ज्यादा खतरनाक होता है। और यह बात पति से ज्यादा कोन समाज सकता है , इसलिए जब वही औरत आत्मा बनकर स्क्रीन पर आती है तो डर का असर डबल हो जाता है। और सच कहा जाए तो मर्द भूत में वो बात नहीं जो भूतनी में होती है। मर्द भूत को दिखाया भी जाए तो वह कोने में चादर ओढ़े खड़ा नजर आता है, जबकि भूतनी अपनी अदाओं से डराती भी है और मोह लेती भी है। यही वजह है कि पोस्टर से लेकर प्रमोशन तक, हॉरर फिल्मों की असली हीरोइन भूतनी ही होती है।

मजेदार बात यह है कि पहले भूतनियाँ दर्शकों की आवाज़ बंद कर देती थीं, आज वही भूतनियाँ दर्शकों को हंसाने लगी हैं। “भूत बंगला” के जमाने से लेकर “गो गोवा गॉन” और “स्त्री” तक हॉरर और कॉमेडी का नया कॉम्बिनेशन बन गया है। पुराने जमाने का डायलॉग होता था—“कौन है… जो मेरी हवेली में आया…?” और आज वही सीन देखकर दर्शक सोचते हैं कि अब भूतनी बोलेगी—“GPS खराब था क्या? गूगल मैप ने हवेली ही डेस्टिनेशन दिखा दी?”



अगर कभी कोई फिल्म बने “हॉरर फैशन वीक” के नाम से, तो उसमें भूतनियाँ कैटवॉक करती नजर आएँगी। कोई रेड गाउन पहनकर रैंप पर उतरेगी और कहेगी—“ये रैंप अब मेरा है।” कोई शॉर्ट ड्रेस में मोबाइल से लाइव करेगी—“Hey guys, I’m haunting this palace, like, share, subscribe।” और पुराने जमाने की सफेद साड़ी वाली भूतनियाँ कोने में बैठी शिकायत करेंगी—“हमारे जमाने में डराना ही काम था, अब तो ये Fashion Nova और Instagram की वजह से रात भर ड्रेस बदलती रहती हैं।”



असल में बॉलीवुड की भूतनियाँ अब डर से ज्यादा फैशन और कॉमेडी का तड़का लगाकर आती हैं। हवेली में दीये बुझाने और जंजीरें हिलाने का जमाना गया। अब डिस्को लाइट और डीजे सॉन्ग के साथ भूतनी एंट्री मारती है। नतीजा यह है कि हॉरर फिल्में अब हॉरर कम और फैशन शो ज्यादा लगती हैं। और दर्शक भी यही सोचकर हॉल से निकलते हैं—“डर से क्या मिलेगा, लेकिन भूतनी के फैशन से तो पूरा स्टाइल गाइड मिल गया।”

तो बॉलीवुड की भूतनियों का मंत्र अब साफ है—“डराओ कम, हंसाओ ज्यादा और फैशन दिखाओ हमेशा।”

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