“The Royals”: भव्यता के पीछे छिपा दिवालियापन और एक आम लड़की की असाधारण सोच

Netflix की नई वेब सीरीज़ “The Royals” शाही ज़िंदगी की चमक-दमक के पीछे की सच्चाई से कराती है रूबरू
नई दिल्ली , 09 मई 2025
Netflix की नई वेब सीरीज़ “The Royals” हमें उस चमकदार दुनिया की परतों के नीचे झांकने का मौका देती है, जिसे अक्सर हम रॉयल और परीकथा जैसा समझ बैठते हैं। लेकिन क्या वाकई हर राजघराना अमीर होता है? क्या हर महल की दीवारें सिर्फ हीरे-जवाहरात से जड़ी होती हैं या अंदर छिपा होता है एक गहरा कर्ज़ और दिखावे का भार?
“The Royals” इसी सच्चाई को हल्के-फुल्के हास्य, पारिवारिक ड्रामे और शानदार सिनेमैटोग्राफी के साथ दर्शकों के सामने पेश करती है। शाही जीवन के पीछे छिपी असल मुश्किलों को उजागर करते हुए, यह कहानी उस समय दिलचस्प मोड़ लेती है जब एक तेज़-तर्रार आम लड़की इस महल की कहानी बदलने आती है – सिर्फ दीवारें नहीं, सोच भी बदलने।
शाही दिखावे के पीछे का दिवालियापन
Netflix की नई पेशकश “The Royals” एक ऐसी मनोरंजक सीरीज़ है, जो सिर्फ़ देखने में ही नहीं बल्कि सोचने में भी भव्य लगती है। लेकिन इसकी असली कहानी उस शाही परिवार की है जो दिखावे में लिप्त है पर असल में कर्ज़ में डूबा हुआ है। यह कहानी है मोरपुर के राजघराने की, जहां शाही परंपराएं अब बोझ बन चुकी हैं और स्थिति यहां तक आ गई है कि उन्हें अपना महल तक बचाने के लिए होटल में तब्दील करना पड़ता है।
अवीराज सिंह – एक नये दौर का राजकुमार
मुख्य किरदार अवीराज सिंह (ईशान खट्टर) एक पोलो खेलता हुआ, आधुनिक सोच वाला राजकुमार है जो शाही परंपराओं की जगह अपनी निजी रुचियों में ज्यादा दिलचस्पी रखता है। उनका शाही महल, दुर्लभ कलाकृतियों, हीरों और विदेशी वाइनों से भरा है – लेकिन उनके पास अब उसे बचाने का कोई रास्ता नहीं। जब महाराजा (मिलिंद सोमन) की मृत्यु होती है, तब परिवार को अपने बढ़ते हुए कर्ज़ का अंदाज़ा होता है।
सस्ती परंपरा और आम कुमारी की एंट्री
उसी समय अविराज सवाल करता है कि क्या कोई “सस्ती परंपरा” भी है? जवाब मिलता है एक आम लेकिन असाधारण महिला के रूप में – भूमि पेडनेकर का किरदार सोफिया कनमणि शेखर, जिन्हें परिवार ‘आम कुमारी’ कहता है। वो एक तेज़-तर्रार CEO हैं, जिनके सपने किसी भी महल से बड़े हैं। उनके आने से यह शाही परिवार अपने महल को एक लक्ज़री B&B (बेड एंड ब्रेकफास्ट) में तब्दील करने की योजना बनाता है, ताकि आम जनता को राजसी जीवन का अनुभव मिल सके।
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टकराव, इश्क़ और शाही झगड़े
शो में जहां एक ओर भव्य महल, खूबसूरत कपड़े और शाही जीवनशैली दिखाई गई है, वहीं दूसरी ओर परिवार के सदस्यों के बीच की लड़ाइयां, अहम की टकराहट और परंपरा बनाम व्यावसायिक सोच की जंग भी दिखाई देती है। शो में इगो क्लैश, फ्लर्टिंग, और पारिवारिक झगड़ों को काफी हल्के-फुल्के और मनोरंजक तरीके से दिखाया गया है।
हर किरदार की अहम भूमिका
शो में भूमि पेडनेकर और ईशान खट्टर के अलावा ज़ीनत अमान और डीनो मोरया जैसे कलाकार भी हैं, जो ग्लैमर और गहराई दोनों का संतुलन बनाए रखते हैं। खास बात यह है कि हर किरदार की कहानी में एक विशेष भूमिका है, जिससे दर्शकों को हर किरदार से जुड़ाव महसूस होता है।
दृश्य और संदेश दोनों बेहतरीन, स्क्रिप्ट थोड़ी हल्की
सीरीज़ का लुक, सेट डिज़ाइन, लोकेशन्स और कॉस्ट्यूम्स सभी काफी आकर्षक हैं। कैमरा वर्क और सिनेमैटोग्राफी के स्तर पर शो बेहतरीन है। यह सीरीज़ कई सामाजिक मुद्दों पर भी इशारा करती है, जिनमें से एक बेहद सशक्त टिप्पणी है – “रॉयल गे होना, गे होने से ज़्यादा मुश्किल है”।
हालाँकि शो का आइडिया और लुक शानदार है, लेकिन स्क्रिप्ट में कई जगह गहराई की कमी महसूस होती है, जो दर्शकों को अंत तक बांधे रखने में थोड़ी कमजोर पड़ती है।
दिग्विजय सिंह – समझदारी का प्रतीक
शो का सबसे समझदार किरदार दिग्विजय सिंह (विहान समत) का है, जो स्थिति की गंभीरता को समझता है और आम कुमारी को इस शाही संकट से निकालने के लिए नियुक्त करता है। उसी के विचार से एक आम इंसान को शाही जीवन का अनुभव दिलाने का आइडिया निकलता है।
देखें या नहीं?
अगर आप भव्यता, शाही अंदाज़, हल्का-फुल्का ड्रामा और थोड़ा हास्य पसंद करते हैं तो The Royals आपके लिए एक परफेक्ट वीकेंड बिंज हो सकती है। गहराई की तलाश करने वालों के लिए यह शो थोड़ी अधूरी रह सकती है, लेकिन एक अनडिमांडिंग मूड में यह सीरीज़ ज़रूर आनंदित करेगी।
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