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Thursday, September 11, 2025

War 2 Movie Review: ग्लैमर और स्टार पावर में दम, लेकिन कहानी और इमोशन में पूरी तरह फेल

स्टार पावर ऑन, कहानी ऑफ – ‘War 2’ में स्टाइल ज्यादा, सब्स्टेंस कम

Suditi Raje | Published: August 14, 2025 17:21 IST, Updated: August 14, 2025 17:21 IST
War 2 Movie Review: ग्लैमर और स्टार पावर में दम, लेकिन कहानी और इमोशन में पूरी तरह फेल

नई दिल्ली, 14 अगस्त 2025

यशराज फिल्म्स का स्पाई यूनिवर्स अब खुद के बनाए जाल में उलझता नज़र आ रहा है। ‘War’, ‘पठान’ और ‘टाइगर’ सीरीज़ की शुरुआती फिल्मों ने दर्शकों को रोमांच, स्टार पावर और दमदार एक्शन का सही मिश्रण दिया था, लेकिन ‘War 2’ में यह संतुलन बुरी तरह बिगड़ गया है। इस बार नयापन लाने के बजाय फिल्म पुराने फॉर्मूलों, महंगे लोकेशन्स और बड़े सितारों के सहारे आगे बढ़ने की कोशिश करती है। नतीजा – एक भव्य पैकेज जिसमें दिखावा भर है, लेकिन कहानी का दम खो चुका है।

कहानी – दमदार शुरुआत का कमजोर अंजाम

फिल्म की शुरुआत रॉ एजेंट कबीर (ऋतिक रोशन) से होती है, जो काली कार्टेल को खत्म करने के मिशन पर है। मिशन के दौरान वह अपने ही मेंटर और रॉ चीफ लूथरा (अशुतोष राणा) की हत्या कर देता है। इसके बाद एजेंसी विक्रम (जूनियर एनटीआर) को भेजती है, जिसका काम कबीर को पकड़ना है।
कागज़ पर यह सेटअप एक शानदार थ्रिलर का वादा करता है, लेकिन पर्दे पर आते-आते कहानी का रोमांच खत्म हो जाता है। पहले आधे घंटे में बस महंगी गाड़ियां, विदेशी लोकेशन्स और स्टाइलिश एंट्री ही नज़र आती हैं, जबकि कहानी वहीं की वहीं अटकी रहती है।

ऋतिक रोशन की मौजूदगी ही सबसे बड़ी ताकत

ऋतिक रोशन फिल्म के सबसे मजबूत पहलू हैं। उनका आत्मविश्वास, स्क्रीन प्रेज़ेंस और अंदाज़ हर सीन को ऊंचा उठाता है। लेकिन कमजोर स्क्रिप्ट उन्हें अपना पूरा टैलेंट दिखाने का मौका नहीं देती। कियारा आडवाणी विंग कमांडर काव्या लूथरा के रोल में ठीक हैं, लेकिन ऋतिक और उनके बीच कैमिस्ट्री का अभाव साफ दिखता है। अशुतोष राणा का किरदार छोटा है, और उनकी जगह बाद में अनिल कपूर ले लेते हैं। वरुण बडोला और सोनी राजदान जैसे अच्छे कलाकार भी कहानी में कोई खास योगदान नहीं दे पाते।

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एनटीआर का फीका बॉलीवुड डेब्यू

जूनियर एनटीआर की एंट्री फिल्म के आधे घंटे बाद होती है, लेकिन यह बॉलीवुड की सबसे कमजोर स्टार एंट्री में से एक लगती है। फीके वीएफएक्स, कमजोर डायलॉग डिलीवरी और औसत डांस सीक्वेंस उनके प्रभाव को और कम कर देते हैं। एक घंटे बीस मिनट बाद आने वाला बड़ा ट्विस्ट भी असरदार नहीं बन पाता।

खूबसूरत लोकेशन, लेकिन कहानी से कटा हुआ

जर्मनी, स्पेन, एम्स्टर्डम, जापान और स्विट्जरलैंड जैसे शानदार लोकेशन्स पर फिल्माई गई यह कहानी विजुअली भव्य है, लेकिन ये लोकेशन्स प्लॉट को आगे बढ़ाने में नाकाम रहते हैं। कई एक्शन सीन्स तो बस बैकग्राउंड बदलकर शूट किए गए से लगते हैं।

ओवरडोज़ ऑफ स्लो मोशन और लाउड म्यूज़िक

फिल्म में स्लो मोशन शॉट्स और तेज़ बैकग्राउंड म्यूज़िक का इतना ज्यादा इस्तेमाल है कि रोमांच की बजाय यह दर्शकों के लिए थकान भरा अनुभव बन जाता है।

संगीत और निर्देशन में कमी

प्रीतम का संगीत औसत है और जल्दी भूल जाने वाला। गाने कहानी की रफ्तार रोकते हैं। बल्हारा ब्रदर्स का बैकग्राउंड स्कोर कुछ सीन में असर डालता है, लेकिन पूरी फिल्म को बचाने में नाकाम रहता है। निर्देशक अयान मुखर्जी ने विजुअल्स को भव्य बनाया है, लेकिन एक स्पाई थ्रिलर की असली जान – कसावट, सस्पेंस और नयापन – गायब है।

फैसला – देखना या छोड़ना?

‘War 2’ एक हाई-स्टाइल लेकिन खोखली एक्शन फिल्म है। सितारे और लोकेशन भले ही बड़े हों, लेकिन कहानी और इमोशन लगभग गायब हैं। अगर आप सिर्फ ग्लैमर और एक्शन के लिए फिल्म देखना चाहते हैं तो एक बार देख सकते हैं, लेकिन दमदार थ्रिल और कहानी की तलाश में हैं तो यह सफर अधूरा छोड़ना ही बेहतर होगा।

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