Amitabh Bachchan का भावुक संदेश: कर्म से बड़ी कोई पहचान नहीं
03 जनवरी 2025, नई दिल्ली
बॉलीवुड के महानायक Amitabh Bachchan ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक ऐसी पोस्ट साझा की, जिसने पूरे देश के दिल को छू लिया। यह पोस्ट चार महान व्यक्तित्वों – रतन टाटा, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, तबला उस्ताद ज़ाकिर हुसैन, और प्रसिद्ध फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल को समर्पित थी, जो 2024 में हमारे बीच नहीं रहे। बच्चन ने इन महान हस्तियों को उनकी जाति, धर्म, और पहचान से परे जाकर केवल भारतीयों के रूप में याद करने की बात कही।
एकता और समर्पण का प्रतीक: पोस्ट की झलक
इस पोस्ट में एक भावनात्मक कार्टून शामिल था, जिसमें चारों महानुभाव स्वर्ग में एक साथ दिखाए गए हैं। रतन टाटा, जो भारतीय उद्योग और परोपकार का प्रतीक हैं, अपने कुत्ते के साथ खुशी से खेलते हुए नजर आए। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अपनी सादगी और विद्वता के लिए पहचाने जाने वाले, शांत और स्थिर खड़े हैं। उस्ताद ज़ाकिर हुसैन अपने तबले के साथ संगीत रचते हुए दिखे, जबकि श्याम बेनेगल कैमरे के साथ अपनी कला को जीवंत करते हुए दिखे। इस चित्र का संदेश स्पष्ट था: इन विभूतियों ने भारतीयता को अपनी पूरी ताकत से जीया।
Amitabh Bachchan का संदेश
Amitabh Bachchan ने इस पोस्ट को साझा करते हुए लिखा, “… the picture says it all IN.” उनकी इस पोस्ट ने भारतीयता के उस पहलू को उजागर किया, जहां धर्म और जाति गौण हो जाते हैं, और व्यक्ति की कृतियां और उसका योगदान सर्वोपरि बनता है।
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देश की प्रतिक्रिया: एकता और भारतीयता का सम्मान
Amitabh Bachchan की इस पोस्ट पर न केवल आम जनता बल्कि नामचीन हस्तियों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। अभिनेत्री नफीसा अली ने लिखा, “आपको भारत का राष्ट्रपति होना चाहिए।” यह टिप्पणी इस बात को दर्शाती है कि बच्चन का दृष्टिकोण और उनकी विचारधारा देश के हर नागरिक के दिल को छूती है।
नेटिज़न्स ने भी इस पोस्ट पर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं दीं। एक यूजर ने लिखा, “सच्ची भारतीयता को सलाम, जहां हम एकता में विविधता को मानते हैं।” एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, “यह पोस्ट हमें याद दिलाती है कि धर्म और पहचान से परे जाकर भारतीयता ही हमारी असली पहचान है।”
महान विभूतियों का योगदान
रतन टाटा: भारतीय उद्योग जगत में उनके योगदान को शब्दों में बांधना मुश्किल है। टाटा समूह के माध्यम से उन्होंने न केवल व्यावसायिक क्षेत्र को बढ़ावा दिया बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों में भी मिसाल कायम की।
डॉ. मनमोहन सिंह: भारत के आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में, उनकी दूरदृष्टि और नेतृत्व ने देश को एक नई ऊंचाई दी।
उस्ताद ज़ाकिर हुसैन: तबले के जादूगर, जिन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई।
श्याम बेनेगल: भारतीय सिनेमा के दिग्गज, जिनकी फिल्में समाज के सच्चे पहलुओं को उजागर करती हैं।
अंतिम संदेश
Amitabh Bachchan की यह पोस्ट एक संदेश है कि भारतीयता का असली सार हमारे एकजुट होने में है। धर्म, जाति, और पहचान से परे, यह हमारे कर्म और देश के प्रति हमारी सेवा है, जो हमें महान बनाती है। इन चार महान विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, हम सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलने की प्रेरणा लेनी चाहिए।
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