Saint Tukaram की हिंदी फिल्म बनी भाषा विवाद में सौहार्द्र का संदेश,…
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Saint Tukaram की हिंदी फिल्म ने मिटाई भाषाई दूरियाँ, दर्शकों में उत्साह चरम पर
नई दिल्ली, 15 जुलाई 2025
जब देश खासकर महाराष्ट्र में भाषा विवाद की बहस चरम पर है, ऐसे समय में विश्वविख्यात मराठी संत और कवि Saint Tukaram की बायोपिक फिल्म ‘Saint Tukaram’ का हिंदी में बनना और रिलीज़ होना एक बेहद खास और सकारात्मक संदेश दे रहा है।
फिल्म का निर्देशन युवा निर्देशक और लेखक आदित्य ओम ने किया है, जिन्होंने वर्षों की रिसर्च और गहन अध्ययन के बाद इस फिल्म को आकार दिया। फिल्म 18 जुलाई को देशभर में, खासकर महाराष्ट्र के सभी शहरों में हिंदी में रिलीज की जाएगी। फिल्म के प्रति लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।
प्रमोशन के दौरान राजधानी में जुटे दिग्गज
नई दिल्ली के बिग ओडियन मल्टीप्लेक्स में फिल्म के प्रमोशन के दौरान एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें अनेक रंगकर्मी, साहित्यकार, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और अधिकारी उपस्थित रहे। फिल्म के निर्देशक आदित्य ओम के साथ फिल्म की लीड जोड़ी—मराठी सिनेमा के सुपरस्टार सुबोध भावे और अभिनेत्री शीना चौहान, साथ ही शिवा सूर्यवंशी, शीशिर शर्मा और प्रसिद्ध रंगकर्मी अरविंद गौड़ भी मौजूद रहे।
निर्देशक आदित्य ओम बोले— धमकियों के बावजूद नहीं झुका
मीडिया से बातचीत में आदित्य ओम ने बताया कि 17वीं सदी के महान संत और समाज सुधारक Saint Tukaram पर फिल्म बनाना उनका वर्षों पुराना सपना था। उन्होंने कहा, “इस विषय पर काम करते वक्त मुझे धमकियां भी मिलीं, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। जब सुपरस्टार सुबोध भावे ने संत तुकाराम का किरदार निभाने के लिए हामी भरी, तो मेरी ऊर्जा कई गुना बढ़ गई।”

सुबोध भावे ने निभाया संत तुकाराम का किरदार
सुबोध भावे, जो मराठी फिल्मों में 90 से अधिक फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं और बायोपिक्स में महारथ रखते हैं, ने बताया कि इस किरदार के लिए उन्होंने संत तुकाराम से जुड़े अनेक ग्रंथ पढ़े और भक्तों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, “एक मराठी संत पर बनी फिल्म का हिंदी में आना उन लोगों के लिए तमाचा है जो भाषा के नाम पर राजनीति करते हैं। यह फिल्म दर्शाती है कि कोई भी भाषा प्रेम का संदेश देती है, न कि टकराव का।”
शीना चौहान को मिला बड़ा अवसर
फिल्म की लीड एक्ट्रेस शीना चौहान ने बताया कि उनके करियर की यह 10वीं फिल्म है और उन्हें सुबोध भावे जैसे दिग्गज कलाकार के साथ काम करने का मौका मिला, यह उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने यह भी बताया कि फिल्म की शूटिंग कोल्हापुर के एक गांव में हुई और सेट पर पूरी टीम ने मराठी फूड का खूब आनंद लिया।
अरुण गोविल निभाएंगे प्रभु विठ्ठल का किरदार
फिल्म में खास बात यह है कि टीवी के प्रसिद्ध रामायण के राम, अरुण गोविल इस फिल्म में प्रभु विठ्ठल की भूमिका निभा रहे हैं। निर्देशक आदित्य ओम के अनुसार यह किरदार फिल्म की कहानी में एक टर्निंग पॉइंट है।
भाषा नहीं, सोच में फर्क होता है: आदित्य ओम
फिल्म पुरुषोत्तम फिल्म्स और Curzon Films के बैनर तले बनी है। निर्देशक आदित्य ओम का स्पष्ट मानना है कि, “भाषा विवाद नहीं पैदा करती, बल्कि गलत सोच करती है। इस फिल्म के जरिए हमने यह दिखाने की कोशिश की है कि भाषा का उद्देश्य लोगों को जोड़ना है, तोड़ना नहीं।”
यह फिल्म केवल Saint Tukaram के जीवन का चित्रण ही नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक संदेश भी है—कि भाषा सिर्फ माध्यम है, भावना और सोच ही असली पहचान होती है।
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