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Tuesday, May 13, 2025

Emraan Hashmi की ‘’Ground Zero’ : वर्दी, वतन और वीरता की कहानी

Emraan Hashmi की ‘ग्राउंड जीरो’ : वर्दी, वतन और वीरता की कहानी

Emraan Hashmi की सबसे गंभीर और गहन भूमिका

25 अप्रैल 2025, नई दिल्ली

करीब दो साल बाद Emraan Hashmi ने बड़े पर्दे पर दमदार वापसी की है। ‘टाइगर 3’ में खलनायक की भूमिका निभाने के बाद अब वे एक बिलकुल अलग अवतार में नज़र आ रहे हैं – इस बार वह हैं एक जांबाज़ बीएसएफ अधिकारी। उनकी नई फिल्म ”Ground Zero’, जो हाल ही में रिलीज़ हुई है, देश में चल रही घटनाओं की पृष्ठभूमि में बेहद प्रासंगिक लगती है। हालिया पहलगाम हमले से गुस्साए देशवासियों के लिए यह फिल्म किसी सटीक जवाब जैसी मालूम होती है।

कहानी की जड़ें: आतंक के बीच एक सच्चा सिपाही


फिल्म की शुरुआत अगस्त 2001 में श्रीनगर से होती है, जहां एक स्थानीय आतंकवादी बच्चों को बरगलाकर हाथों में हथियार थमाता है। ग़रीबी और लालच में फंसे ये मासूम लड़के जल्द ही आतंकवाद की आग में झोंक दिए जाते हैं। ऐसे माहौल में एक के बाद एक करीब 70 सैनिकों को धोखे से मार डाला जाता है।

इस बीच बीएसएफ ऑफिसर नरेंद्र नाथ धर दुबे (Emraan Hashmi) की एंट्री होती है, जो एक खुफिया अभियान के जरिए आतंक के खिलाफ कमर कस लेते हैं। उन्हें पता चलता है कि दिल्ली संसद और अक्षरधाम मंदिर पर हमलों के पीछे एक ही नाम है – गाजी बाबा।

दूसरा भाग: व्यक्तिगत संघर्ष और राष्ट्रभक्ति की परीक्षा


फिल्म का दूसरा हिस्सा ज़्यादा गंभीर और भावनात्मक हो जाता है। नरेंद्र को न केवल अपने साथियों की शहादत का ग़म झेलना पड़ता है, बल्कि एक वक्त ऐसा भी आता है जब वो खुद आतंकवादी गतिविधियों के झूठे आरोपों में घिर जाते हैं। लेकिन सात गोलियां झेलने के बावजूद नरेंद्र हार नहीं मानते और अंततः गाजी बाबा और उसके पूरे नेटवर्क को खत्म कर देते हैं।

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निर्देशन और लेखन: एक सच्ची सलामी


‘’Ground Zero’ उस अनकहे और अनसुने साहस को सामने लाती है, जो कश्मीर घाटी में तैनात सैनिक रोज़ झेलते हैं। फिल्म कश्मीर की ज़मीन पर शूट की गई है और उसकी खूबसूरत लेकिन संवेदनशील लोकेशन को बखूबी पर्दे पर उतारा गया है। हर दृश्य एक सच्ची कहानी कहता है।

हालांकि लेखन और संवादों के स्तर पर फिल्म थोड़ी फीकी पड़ जाती है। एक देशभक्ति आधारित फिल्म में दमदार डायलॉग्स और दिल को छू लेने वाले गानों की उम्मीद की जाती है, लेकिन यहां दोनों की ही कमी महसूस होती है। फिल्म का एकमात्र यादगार डायलॉग है – “पहरेदारी बहुत हो गई, अब प्रहार होगा।”

अभिनय: Emraan Hashmi का नया रूप


Emraan Hashmi ने फिल्म में दमदार परफॉर्मेंस दी है। उनका किरदार एक सख्त लेकिन संवेदनशील सैनिक का है, जो पूरी ईमानदारी से निभाया गया है। जोया हुसैन ने उनका अच्छी तरह साथ निभाया है, लेकिन सई तम्हाणकर (Emraan Hashmi की ऑनस्क्रीन पत्नी) का किरदार फिल्म में कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ता। पति-पत्नी की जोड़ी में जरूरी केमिस्ट्री की कमी महसूस होती है।

अंतिम फैसला: एक जरूरी फिल्म, भले ही कुछ कमियों के साथ


‘’Ground Zero’ एक ऐसी फिल्म है जो आज के समय में बहुत ज़रूरी है। यह कश्मीर के आम लोगों की पीड़ा और सुरक्षाबलों के बलिदान को एक साथ पिरोती है। कुछ संवादों और गानों की कमी के बावजूद, फिल्म अपने विषय, निर्देशन और इमरान की परफॉर्मेंस के चलते देखने लायक बनती है।

रेटिंग: 3/5 स्टार

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