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Tuesday, July 8, 2025

‘Heads of State’ Review: Priyanka Chopra का दमदार एक्शन, जॉन सीना की कॉमिक टाइमिंग और एल्बा की गंभीरता, लेकिन कहानी थोड़ी कमजोर

'Heads of State' Review: Priyanka Chopra का दमदार एक्शन, जॉन सीना की कॉमिक टाइमिंग और एल्बा की गंभीरता, लेकिन कहानी थोड़ी कमजोर

‘Heads of State’ – एक्शन-ह्यूमर का कॉकटेल, पर फ्लेवर हल्का पड़ा

रेटिंग: ⭐⭐⭐🌠 (3.5/5)

नई दिल्ली , 3 जुलाई 2025

Priyanka Chopra, जॉन सीना और इद्रिस एल्बा स्टारर फिल्म ‘Heads of State’ एक बार फिर 90 के दशक की एक्शन-कॉमेडी फिल्मों की याद दिलाती है। फिल्म में पॉलिटिकल ड्रामा, हल्की-फुल्की कॉमेडी और स्टाइलिश एक्शन का दिलचस्प मेल देखने को मिलता है। हालांकि जहां एक ओर फिल्म की स्टारकास्ट अपने-अपने रोल में दमदार नजर आती है, वहीं इसकी स्क्रिप्ट थोड़ी कमजोर और अनुमानित लगती है।

कहानी की बात करें तो…


फिल्म की शुरुआत स्पेन में मशहूर टोमाटीना फेस्टिवल के बीच होती है, जहां MI6 एजेंट नोएल बिसेट (Priyanka Chopra) एक रिपोर्टर के रूप में नजर आती हैं। शुरुआती सीन में Priyanka Chopra का एक्शन और उनकी स्क्रीन प्रेजेंस दर्शकों को बांधने में कामयाब होती है, लेकिन कुछ ही मिनटों में वो पर्दे से गायब हो जाती हैं।

इसके बाद कहानी का फोकस दो प्रमुख राजनीतिक हस्तियों पर शिफ्ट हो जाता है – ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सैम क्लार्क (इद्रिस एल्बा) और अमेरिका के राष्ट्रपति विल डेरिंगर (जॉन सीना)। सैम एक शांत, गंभीर और जिम्मेदार नेता हैं, जबकि विल एक पूर्व एक्शन हीरो हैं, जो अब राजनीति में उतर चुके हैं। दोनों के बीच चलने वाली खट्टी-मीठी तकरार और छुपी हुई बॉन्डिंग फिल्म को मजेदार बनाती है।

डायलॉग्स और ह्यूमर


फिल्म का हास्य पहलू इसका मजबूत पक्ष है। जॉन सीना की टाइमिंग और एल्बा की सीरियसनेस के बीच संतुलन देखने लायक है। स्क्रिप्ट में ऐसे कई स्मार्ट डायलॉग्स और सिचुएशन्स हैं जो हंसी ला देती हैं, जैसे नाटो की रणनीतियों के बीच ‘फिश एंड चिप्स’ या ‘अंडरवियर मॉडलिंग’ जैसे पंच। यह ह्यूमर ओवरद द टॉप नहीं है, लेकिन सटीक और बुद्धिमत्तापूर्ण है।

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Priyanka Chopra की मौजूदगी


हालांकि Priyanka Chopra की स्क्रीन टाइम सीमित है, लेकिन जब भी वो पर्दे पर आती हैं, तो पूरी मजबूती से नजर आती हैं। उनके एक्शन सीन न केवल स्टाइलिश हैं, बल्कि उनमें आत्मविश्वास भी झलकता है। खास बात ये है कि उनका किरदार केवल ग्लैमर के लिए नहीं, बल्कि मिशन की सफलता में एक अहम भूमिका निभाता है। इद्रिस एल्बा के साथ उनकी केमिस्ट्री सधी हुई और स्वाभाविक लगती है।

डायरेक्शन और तकनीकी पक्ष


निर्देशक इलिया नैशूलर ने तीनों मुख्य कलाकारों की खूबियों को अच्छी तरह से इस्तेमाल किया है। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर परिस्थितियों के अनुसार उपयुक्त है, हालांकि इसमें कोई गाना नहीं है। डायरेक्शन में साफ झलकता है कि फिल्म को मनोरंजक बनाए रखने की पूरी कोशिश की गई है, लेकिन कहानी की सीमाएं उसे बांध लेती हैं।

फिल्म ‘Heads of State’ की खास बात यह है कि इसमें जॉन सीना की शानदार कॉमिक टाइमिंग और इद्रिस एल्बा की गंभीरता के बीच बेहतरीन संतुलन देखने को मिलता है। Priyanka Chopra का स्टाइलिश एक्शन और उनकी प्रभावशाली स्क्रीन प्रेजेंस भी दर्शकों को आकर्षित करती है। हल्के-फुल्के हास्य और राजनीतिक व्यंग्य का संतुलित मिश्रण फिल्म को मनोरंजक बनाए रखता है। साथ ही, फिल्म की कुल लंबाई महज 1 घंटा 35 मिनट है, जिससे यह ज्यादा लंबी नहीं लगती और बोर नहीं करती।

हालांकि, फिल्म के सेकंड हाफ में वो ताजगी और जोश थोड़ा कम महसूस होता है जो शुरुआत में दिखता है। कई सीन दोहराव जैसे लगते हैं और क्लाइमेक्स भी अनुमानित प्रतीत होता है, जिससे उत्सुकता थोड़ी कम हो जाती है। इसके अलावा, Priyanka Chopra के किरदार को और अधिक विस्तार देकर फिल्म को और गहराई दी जा सकती थी।

अंतिम राय: देखें या नहीं?


अगर आप एक्शन, ह्यूमर और हल्की-फुल्की राजनीतिक सिचुएशन्स से भरपूर फिल्म देखना चाहते हैं, जिसमें स्टार पॉवर भी हो, तो ‘Heads of State’ आपके लिए सही चॉइस हो सकती है। यह फिल्म दिमाग पर ज्यादा भार नहीं डालती, लेकिन मनोरंजन के मामले में निराश भी नहीं करती। वीकेंड पर हंसने-हंसाने और हल्का थ्रिल महसूस करने के लिए यह एक अच्छी पिक है।

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