Movie | Pushpa 2 |
कलाकार: | Fahadh Faasil,Allu Arjun,Sreeleela |
निर्देशक | Sukumar |
सेंसर: | U/A |
अवधि: | 3h 21m |
Rating |
फिल्म की शुरुआत और मूल स्वरूप
‘Pushpa 2 Review : द रूल’ को देखने से पहले एक बात समझना जरूरी है कि यह कोई महान फिल्म नहीं है। यह एक टिपिकल मसाला एक्शन फिल्म है, जो पिछली फिल्म की हिट ब्रांड वैल्यू के दम पर दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचने में सफल रही है। एक सुपरहिट फिल्म का सीक्वल बनाना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है, खासकर तब, जब कहानी में खास नयापन न हो। निर्देशक सुकुमार और अभिनेता अल्लू अर्जुन की यह फिल्म बार-बार फहद फासिल की तारीखों के कारण अटकती रही। फिल्म का अंत ‘Pushpa 3: द रैम्पेज’ के एलान के साथ होता है, जिससे पहले सुकुमार ने फिल्म की कमजोर कड़ियों को काफी हद तक दूर करने की कोशिश की है।
श्रेयस तलपड़े की दमदार आवाज
पुष्पराज का नारा ‘मैं झुकेगा नहीं’ अब ‘मैं हरगिज नहीं झुकेगा’ बन चुका है। इस बार पुष्पा पिता बनने वाला है और चाहता है कि उसकी बेटी को उसके कुलनाम का मान मिले। उसकी आवाज और अंदाज में भी इस बार ज्यादा पैनापन दिखता है। श्रेयस तलपड़े ने पुष्पा के किरदार को अपनी दमदार आवाज के जरिए फिर से जीवंत कर दिया है। बचपन से लेकर पुष्पराज बनने की उनकी कहानी प्रभावशाली है। श्रीवल्ली (रश्मिका मंदाना) का आकर्षण अब भी बरकरार है, लेकिन उनका किरदार इस बार घरेलू दायरे तक सिमट गया है। सामंथा रुथ प्रभु की जगह श्रीलीला ने एक आइटम सॉन्ग किया है, जो प्रभाव नहीं छोड़ पाया।
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— Sundeep Kishan (@sundeepkishan) December 5, 2024
फहद फासिल और कमजोर कड़ी
फहद फासिल का किरदार इस बार कहानी में ज्यादा असरदार नहीं रहा। सुकुमार को यह समझ आ गया था कि यह किरदार अब फिल्म के लिए बोझ बन गया है। इसलिए इसे सीमित कर दिया गया। रश्मिका ने कुछ दृश्यों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, खासकर जात्रा वाले सीन में, लेकिन उनका किरदार ज्यादा गहराई लिए हुए नहीं था।
कहानी और उसकी लंबाई
फिल्म की कहानी जापान के एक बंदरगाह से शुरू होती है और लाल चंदन के जंगलों तक जाती है। तीन घंटे लंबी इस फिल्म में विस्तार तो है, लेकिन कई जगह पर यह कहानी खिंची हुई लगती है। सुकुमार ने पिछली फिल्म की तरह इस बार भी किरदारों को भरपूर मौके दिए, और जगपति बाबू, राव रमेश जैसे कलाकारों ने अपने किरदारों को सही तरीके से निभाया।
BREAKING: #Pushpa2 BEATS rrr to become the BIGGEST ever opening in the history of Indian cinema at the WW Box Office. pic.twitter.com/OECcSrfRLu
— Manobala Vijayabalan (@ManobalaV) December 5, 2024
सिनेमैटोग्राफी और संगीत
पोलैंड के सिनेमैटोग्राफर कुबा ब्रोजेक मिरोस्लॉव ने फिल्म को विजुअली शानदार बनाया है। प्रीतशील सिंह का अल्लू अर्जुन का गेटअप तैयार करना सराहनीय है। हालांकि, संपादक नवीन नूली फिल्म को कम से कम 20 मिनट छोटा कर सकते थे। संगीतकार देवी श्री प्रसाद का काम इस बार थोड़ा कमजोर रहा। बैकग्राउंड स्कोर को थमन और सैम सीएस ने संभाला, लेकिन गानों में वह जादू नहीं दिखा, जिसकी उम्मीद थी।
कुल मिलाकर
‘पुष्पा 2’ एक विजुअली आकर्षक फिल्म है, जो अपने किरदारों और बड़े पर्दे के भव्य अनुभव के दम पर दर्शकों का मनोरंजन करती है। हालांकि, कहानी में नयापन और गीत-संगीत में कसावट की कमी इसे पूरी तरह से यादगार नहीं बना पाती। पुष्पराज का काली अवतार और क्लाइमेक्स का एक्शन दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर करता है।