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Tuesday, July 8, 2025

Criminal Justice Season 4 Review: पारिवारिक रिश्तों में उलझा एक दिलचस्प मर्डर मिस्ट्री

Criminal Justice Season 4 Review: पारिवारिक रिश्तों में उलझा एक दिलचस्प मर्डर मिस्ट्री

Criminal Justice Season 4 :एक ‘आम’ वकील, एक ‘खास’ केस और कई चौंकाने वाले मोड़

रेटिंग: ★★★★☆ (4/5)

नई दिल्ली, 29 मई 2025

जब किसी पुरुष की प्रेमिका की हत्या होती है, तो शक की सुई अक्सर दो लोगों पर जाती है – उस पुरुष पर और उसकी पत्नी पर। Criminal Justice Season 4: अ फैमिली मैटर भी इसी परिकल्पना से शुरू होता है। लेकिन जब उस पुरुष का किरदार मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब निभा रहे हों, पत्नी की भूमिका में सुरवीन चावला हों और केस की बागडोर Pankaj Tripathi के हाथों में हो, तो यह कहानी केवल एक आम मर्डर मिस्ट्री नहीं रह जाती। निर्देशक रोहन सिप्पी ने इस बार भी एक परिपक्व और टेंशन से भरी कहानी पेश की है, जो दर्शकों को अंत तक बांधे रखती है।

कहानी की शुरुआत: आम आदमी, खास वकील


कहानी शुरू होती है वकील माधव मिश्रा (Pankaj Tripathi) से, जो इस बार कॉर्पोरेट लॉ की दुनिया में कदम रखने की सोच रहे हैं। लेकिन जल्द ही उन्हें अहसास होता है कि उनकी सबसे बड़ी ताकत यही है कि वह “फैंसी” नहीं हैं। Pankaj Tripathi अपने चिर-परिचित विनम्र अंदाज़ और ज़मीन से जुड़े संवादों के साथ एक बार फिर दिल जीत लेते हैं।

माधव की नई नौकरी खतरे में तब पड़ती है, जब वे एक हाई-प्रोफाइल केस ले लेते हैं – डॉक्टर राज नागपाल बनाम राज्य। इस केस में राज (मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब) पर आरोप है कि उन्होंने अपनी नर्स और प्रेमिका रोशनी सलूजा (आशा नेगी) की हत्या कर दी है, जो उनकी बेटी इरा की केयरटेकर भी थीं। इरा एस्परगर सिंड्रोम से ग्रसित है, और रोशनी की मौत ठीक उसके जन्मदिन के अगले दिन होती है।

कसती हैं कानूनी गिरफ़्त में: राज और अंजू


जैसे-जैसे केस आगे बढ़ता है, राज की अलग रह रही पत्नी अंजू (सुरवीन चावला) भी मामले में फंसती नजर आती हैं। कोर्टरूम ड्रामा आठ एपिसोड्स में धीरे-धीरे सस्पेंस की परतें खोलता है – एक ‘ग्लास अनियन’ की तरह – और दर्शक खुद को लगातार सोचते हुए पाते हैं कि असली कातिल कौन है।

हालाँकि अंत तक आते-आते लगता है कि माधव मिश्रा केस जीतेंगे – और वे जीतते भी हैं – लेकिन कहानी वहीं खत्म नहीं होती। अंत में एक ऐसा ट्विस्ट आता है, जो पहले से छिपे क्लूज़ को जोड़ते हुए दर्शकों को चौंका देता है – यही एक अच्छी मर्डर मिस्ट्री की पहचान है।

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अभिनय और निर्देशन: शो की जान


Pankaj Tripathi इस किरदार को इतने सहजता से निभाते हैं कि लगता है जैसे माधव मिश्रा सिर्फ उन्हीं के लिए लिखा गया हो। हालांकि अब ये किरदार दोहराव जैसा लगने लगा है, इसलिए आने वाले समय में पंकज को कुछ नया करते देखना जरूरी होगा।

मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब ने डॉक्टर राज के रूप में जबरदस्त प्रदर्शन किया है। जेल में बेटी से उनकी मुलाकात वाला दृश्य बेहद इमोशनल और प्रभावशाली है। वहीं सुरवीन चावला ने अंजू के रूप में फिर से साबित किया कि वह थ्रिलर में माहिर होती जा रही हैं। उनकी एक्टिंग में एक रहस्यमयी गंभीरता है जो कहानी को वजन देती है।

कहानी का लेखन और कमज़ोर कड़ियां


लेखक हरमन वडाला, संदीप जैन और समीर मिश्रा ने स्क्रिप्ट को बांधकर लिखा है, और कहानी में ट्विस्ट्स सही जगह आते हैं। हालांकि रोशनी सलूजा के किरदार को और विस्तार दिया जा सकता था – जिससे हत्या का इमोशनल असर और गहराई से महसूस होता।

‘अ फैमिली मैटर’ टैगलाइन इस बार हर साइड प्लॉट में घुसी हुई नज़र आती है – कुछ हद तक ज़रूरत से ज्यादा। माधव मिश्रा की सहकर्मी बर्का और उसकी मां (मीता वशिष्ठ) का ट्रैक ज़्यादा योगदान नहीं देता। वहीं इंस्पेक्टर गौरी (कल्याणी मुले) और उनके एक्स-हस्बैंड वाला सबप्लॉट दिलचस्प हो सकता था, लेकिन अंततः वह शो को धीमा ही करता है।

फैसला: थ्रिलर में नया नहीं, लेकिन असरदार ज़रूर


Criminal Justice Season 4 मर्डर मिस्ट्री की दुनिया में कोई नई लकीर नहीं खींचता, लेकिन जो काम करता है – उसे अच्छे से करता है। मजबूत अभिनय, संतुलित निर्देशन और सधा हुआ लेखन इसे एक एंटरटेनिंग और सोचने पर मजबूर कर देने वाला शो बनाता है।

अगर आप कोर्टरूम ड्रामा और मर्डर मिस्ट्री के शौकीन हैं, तो Criminal Justice : अ फैमिली मैटर आपके वीकेंड के लिए एक बढ़िया चॉइस साबित हो सकता है।

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