Movie | kanguwa |
Release Date | 14 Nov, 2024 |
Director | Siva |
Writers | Madhan Karky, Adi Narayana, Siva |
Stars | Suriya, Disha Patani, Bobby Deol |
Rating |
kanguva review : तो, आज kanguva ने सिनेमाघरों में धमाकेदार एंट्री मार दी! सिवा के निर्देशन में बनी यह फैंटेसी एक्शन फिल्म kanguva, जिसमें सुरिया, बॉबी देओल और दिशा पटानी जैसे स्टार्स हैं, अपने भव्य विजुअल्स और शानदार एक्शन सीक्वेंस से दर्शकों को लुभाने का दावा करती है। फिल्म की रिलीज़ से पहले ही इसका काफ़ी बवाल मचा हुआ था। अब सवाल ये है कि क्या कंगुवा ने सच में वह धमाल मचाया, जैसा कि उम्मीद की जा रही थी, या फिर यह फिल्म बस एक “फ्लैश” बनकर रह गई?
भैया: क्या आपको भव्यता चाहिए?
अब भैया, अगर आप महाकाव्य फिल्म की उम्मीदें लेकर सिनेमाघर पहुंचे हैं, तो आपको कंगुवा एकदम फिट बैठने वाली है। फिल्म की लॉन्चिंग से पहले, इसे दुनिया की सबसे भव्य फिल्म के तौर पर पेश किया गया था, और तमिलनाडु सरकार ने तो इसे हौसला भी दिया – अतिरिक्त शो की इजाज़त देकर! 4 बजे के शो से लेकर पहले दिन के पहले शो (FDFS) तक, सब जगह दर्शकों की भीड़ थी। अब बात करते हैं बॉक्स-ऑफिस की… कंगुवा ने पहले दिन ₹17 करोड़ कमा लिए हैं, तो अब यह फिल्म क्या लियो (₹148.5 करोड़) और रजनीकांत की फिल्मों के रिकॉर्ड तोड़ेगी, या नहीं?
अरे, भाई ये तो बहुत बड़ा है! : भव्यता की बाढ़!
अगर kanguva में कोई चीज़ शानदार है, तो वह है इसकी भव्यता! एक्शन सीक्वेंस से लेकर भव्य सेट्स तक, फिल्म का हर फ्रेम आपको यही कहेगा – “अरे, भाई ये तो बहुत बड़ा है!” सिनेमेटोग्राफी तो ऐसी है कि आँखों को ठंडक मिल जाए और देवी श्री प्रसाद का म्यूजिक आपके दिल की धड़कन को रेट्रो स्पीड में दौड़ा दे। 2D और 3D दोनों में फिल्म की विजुअल्स ऐसा जादू दिखाती हैं कि कभी लगेगा आप किसी महाकाव्य के बीच खड़े हैं।
और सुरिया, तो भाई क्या कहना! उनका अभिनय तो जैसे आग में जलते हुए टुकड़ों की तरह है। हर एक्शन सीक्वेंस में उनका इंटेन्स लुक देख कर आप यही सोचेंगे, “प्यार में आग तो यही होती है!” लेकिन, हां, फिल्म की भावनात्मक गहराई का थोड़ी कमी जरूर महसूस होती है। लगता है जैसे सुरिया को जबरदस्ती रोते हुए देखने की कोशिश की गई हो, पर वो माज़ा नहीं आया।
अब आती है असली बात
अब आती है असली बात – फिल्म की असली समस्या। हालांकि भव्यता और एक्शन सब कुछ है, लेकिन कहानी में कुछ कमी सी लगती है। लगता है जैसे सिवा सर ने “स्टाइल ओवर सब्सटेंस” का तरीका अपना लिया हो। कहानी पूरी तरह से ओवर-यूज़ किए गए ट्रॉप्स और थके हुए क्लिचेज़ से भरी हुई है। वैसे फिल्म में कुछ इमोशनल पल भी थे, लेकिन वो ऐसा लगता था जैसे “जबरदस्ती भावना डाल दी गई हो!”
कहानी तो कुछ ऐसी है, जैसे एक आम दिन में मिल जाए – “अरे, फिर से वही वही प्लॉट!” पकोड़ी की तरह घुसी हुई हर चीज़। और जब फिल्म आपको इमोशन की ओर खींचने की कोशिश करती है, तो आप सोचते हैं, “क्या? इससे अच्छा तो छुट्टी पर चला जाता!”
अंतिम निष्कर्ष: भव्य, लेकिन बेमज़ा
तो कुल मिलाकर, kanguva एक ऐसी फिल्म है जो पूरी तरह से भव्य है – सेट्स, एक्शन, और सिनेमैटोग्राफी के मामले में। लेकिन जब बात आती है दिल को छूने वाली कहानी की, तो यह थोड़ी सी बेमज़ा महसूस होती है। अगर आप चाहते हैं कि आपको एक शानदार दिखने वाली फिल्म मिले, तो यह फिल्म आपको निराश नहीं करेगी। लेकिन अगर आप कुछ गहरे, भावनात्मक अनुभव की तलाश में हैं, तो कंगुवा आपको वो नहीं दे पाएगी।
अंत में, kanguva याद रखी जाएगी इसके भव्यता और महाकाव्य जैसी कोशिशों के लिए, लेकिन शायद यह फिल्म आपको लंबे समय तक याद न रहे। अगर आप सिर्फ “आंखों के लिए स्वादिष्ट” अनुभव ढूंढ़ रहे हैं, तो यह फिल्म आपको जरूर प्रभावित करेगी। लेकिन अगर आप कुछ दिलचस्प चाहते हैं, तो हो सकता है आप थोड़ा “ग़ायब” महसूस करें।
कुल मिलाकर, kanguva है भव्य, लेकिन बेमज़ा!