फिल्मी रोमांस बनाम रियलिटी: क्या ‘Nadaaniyan’ दिल जीत पाई?
07 मार्च 2025 , नई दिल्ली
करीब 27 साल पहले करण जौहर ने अपनी पहली फिल्म कुछ कुछ होता है बनाई थी, जिसमें भारतीय दर्शकों को एक ऐसे कॉलेज की झलक देखने को मिली, जहां पढ़ाई कम और रोमांस पर चर्चा ज्यादा होती थी। उस वक्त हर कोई यही सोच रहा था कि आखिर ऐसा कॉलेज भारत में कहां है? क्योंकि हकीकत में तो हमारे स्कूलों में प्रेमगीत गाने पर भी सजा मिलती थी। खैर, अब इतने सालों बाद, वही करण जौहर एक नई फिल्म लेकर आए हैं— ‘Nadaaniyan’, जिसमें स्कूल का माहौल और भी दिलचस्प है। यहां डिबेट टीम के कैप्टन का चुनाव तर्कशक्ति से नहीं बल्कि एब्स देखकर किया जाता है! फिल्म का नाम जितना मासूम लगता है, उतनी ही मासूमियत इसकी कहानी में नजर आती है, जिसे देखकर बस यही सवाल उठता है कि ऐसी नादानियां मेकर्स के दिमाग में आती कैसे हैं?
कहानी: प्यार, दिखावे और बिगड़ैल रईसजादों का खेल
फिल्म की कहानी दिल्ली के अल्ट्रा-रिच क्लास के स्कूल की स्टूडेंट पिया जय सिंह (Khushi Kapoor) के इर्द-गिर्द घूमती है। पिया के पास पैसे की कोई कमी नहीं, लेकिन भावनात्मक रूप से वह अकेली है। उसके माता-पिता नीलू (Mahima Chaudhry) और रजत (Suniel Shetty) के रिश्ते में दूरियां हैं, और घर में बेटों को प्राथमिकता देने वाली पैट्रियार्कल सोच ने उसे मानसिक रूप से कमजोर बना दिया है।
इसी बीच, जब उसकी बचपन की सहेलियां एक गलतफहमी के कारण उससे नाराज हो जाती हैं, तो उन्हें मनाने के लिए पिया एक अनोखा तरीका अपनाती है— एक नकली बॉयफ्रेंड बनाने का नाटक।
कहानी में नया मोड़ तब आता है जब इस हाई-फाई स्कूल में एंट्री होती है अर्जुन मेहता (Ibrahim Ali Khan) की। अर्जुन एक पढ़ाकू छात्र, स्विमिंग चैंपियन और बेहतरीन एब्स वाला लड़का है। हालांकि, पैसों की तंगी के चलते वह 25 हजार रुपये प्रति हफ्ते के लिए पिया का फेक बॉयफ्रेंड बनने को तैयार हो जाता है। अब इस झूठे रिश्ते का सच क्या मोड़ लेता है, यही फिल्म की मुख्य कहानी है।
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फिल्म की कमजोर कड़ियां: पुरानी कहानियों का नया मिश्रण
निर्देशिका शौना गौतम और लेखकों रीवा राजदान कपूर, जेहान हांडा, इशिता मोइत्रा की टीम ने एक कोशिश तो की कि इसे हॉलीवुड स्टाइल हाईस्कूल रोमांस बनाया जाए। लेकिन यह कोशिश कहीं न कहीं उलझकर रह गई। फिल्म में थोड़ा सा कुछ कुछ होता है का फील है, थोड़ा सा कॉल मी बे जैसा ड्रामा, और थोड़ा सा कोरियन ड्रामा वाइब। नतीजा? एक ऐसी कहानी जो पुरानी फिल्मों के टुकड़ों को जोड़कर बनाई गई लगती है।
यहां तक कि अर्चना पूरण सिंह की वापसी भी कुछ नया नहीं जोड़ पाई। उन्होंने कुछ कुछ होता है में जो किरदार निभाया था, उसकी Gen-Z वर्जन में भी वही पुराने बासी जोक्स नजर आए।
एक्टिंग: नए कलाकारों को करनी होगी ज्यादा मेहनत
➡️ खुशी कपूर – यह उनकी तीसरी फिल्म है, लेकिन उनकी परफॉर्मेंस में अब भी किसी तरह का आत्मविश्वास नहीं दिखता। उनके एक्सप्रेशन्स और डायलॉग डिलीवरी कमजोर है, जिससे किरदार में गहराई की कमी महसूस होती है।
➡️ इब्राहिम अली खान – यह उनकी डेब्यू फिल्म है और स्क्रीन पर अट्रैक्टिव जरूर लगते हैं, लेकिन उनकी एक्टिंग में भी सुधार की जरूरत है। एक्सप्रेशन्स और डायलॉग डिलीवरी पर उन्हें और काम करना होगा।
➡️ सीनियर एक्टर्स का सपोर्ट – दीया मिर्जा, जुगल हंसराज, सुनील शेट्टी और महिमा चौधरी जैसे अनुभवी कलाकारों ने अपनी ओर से बेहतरीन प्रयास किया है और फिल्म को थोड़ा संभालने की कोशिश की है।
➡️ केमिस्ट्री की कमी – खुशी और इब्राहिम के बीच केमिस्ट्री बेहद फीकी लगी। रोमांटिक फिल्म होने के बावजूद दोनों के बीच कोई इमोशनल कनेक्शन महसूस नहीं हुआ।
क्या फिल्म में कुछ अच्छा भी है?
✅ फिल्म का गाना ‘तेरे इश्क में’ खूबसूरत बन पड़ा है।
✅ कुछ इमोशनल सीन, खासतौर पर पेरेंट्स और बच्चों के बीच के रिश्ते पर फोकस करने वाले सीक्वेंस अच्छे हैं।
✅ फिल्म की सबसे अच्छी बात? यह जल्दी खत्म हो जाती है! 😆
निष्कर्ष: Nadaaniyan देखने जाएं या नहीं?
अगर आप स्टूडेंट-लव स्टोरीज और अमीरों के हाई-फाई स्कूल ड्रामा में दिलचस्पी रखते हैं, तो यह फिल्म एक बार देख सकते हैं। लेकिन अगर आप एक मजबूत कहानी, बेहतरीन परफॉर्मेंस और नई सोच की उम्मीद कर रहे हैं, तो यह फिल्म शायद आपको निराश कर सकती है।
रेटिंग: ⭐⭐⭐☆☆ (3/5) – सिर्फ इसलिए कि यह जल्दी खत्म हो जाती है!
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